महेंद्र सिंह धोनी और युवराज सिंह भारतीय क्रिकेट के दो शानदार खिलाड़ी जिन्होंने भारतीय क्रिकेट को अनगिनत जीत दिलाई। एक टेलीविजन शो में, जब एक सवाल पूछा गया कि धोनी और युवराज की दोस्ती के बारे में, तो उसका जवाब सभी को हैरान कर देने वाला था। युवराज सिंह ने कहा कि 2011 के विश्व कप फाइनल में भी उनकी और धोनी की दोस्ती ने टीम को जीत की ओर मोड़ दिया था।
एक संयमित योजना बनाई थी
उन्होंने बताया कि उस समय उन्होंने और धोनी ने एक संयमित योजना बनाई थी। अगर गौतम गंभीर आउट होते तो वह खेलने जाते, जबकि अगर विराट कोहली आउट होते तो महेंद्र सिंह धोनी खेलने जाते। इस रहस्यमयी समझौते के कारण ही धोनी ने वो अद्वितीय और जीवंत पारी खेली, जिससे भारत ने उस साल का विश्व कप जीता।
युवराज सिंह ने इस घटना के संदर्भ में कहा, “धोनी जी का जिज्ञासा और मेरा संवाद एक-दूसरे के साथ संबंधित था और हम दोनों ने मिलकर इस रणनीति को तैयार किया था। हमें यह विश्वास था कि यह हमें सफलता दिलाएगी।”
धोनी और युवराज के बीच की यह गहरी दोस्ती
इस बात से साबित होता कि क्रिकेट मैदान में जादू बिखेरने वाले धोनी और युवराज के बीच की यह गहरी दोस्ती न केवल उनके खुद के खिलाफ बल्कि भारतीय क्रिकेट टीम के लिए भी एक अद्वितीय संबंध की प्रतिष्ठा बनी रहेगी। यह घटना दर्शाती कि युवराज सिंह ने हमेशा धोनी के साथ एक टीम के रूप में काम किया और उनकी नेतृत्व में टीम ने अनगिनत विजयों की ओर बढ़ता है।
भारतीय क्रिकेट के दो महान नायक, युवराज सिंह और महेंद्र सिंह धोनी, अब संन्यासी हैं, लेकिन जब वे एक-दूसरे से मिलते हैं, तो वे दोस्तों की भावना से मिलते हैं। युवराज सिंह ने कि वे और धोनी एक दूसरे के पास समय बिताते हैं, लेकिन यह सिर्फ एक मित्र की तरह है, न कि गहरे दोस्त की तरह।
टीम इंडिया के लिए पूरी शक्ति से खेला
युवराज सिंह ने जाहिर किया कि उनका और धोनी का दोस्ती का संबंध केवल क्रिकेट के खेल में है, और उन्होंने मिलकर टीम इंडिया के लिए पूरी शक्ति से खेला। वे दोनों मिलकर एक विज्ञापन में भी नजर आए हैं, जिससे साफ कि जब आवश्यकता होती है, तो वे फिर से साथ काम करने को तैयार हैं। इस खास आपसी समर्पण और विश्वास के साथ, यह दो महान क्रिकेटर ने भारतीय क्रिकेट को अनेक यादें और जीत दिलाई।