2007-08 ऑस्ट्रेलिया त्रिकोणीय सीरीज़ में खराब फॉर्म के कारण सहवाग को कप्तान धोनी ने प्लेइंग XI से बाहर कर दिया। इससे निराश होकर उन्होंने वनडे क्रिकेट से संन्यास लेने का मन बना लिया।
तेंदुलकर की सलाह
सहवाग ने सचिन तेंदुलकर से बात की और कहा कि वे ODI छोड़ना चाहते हैं। तेंदुलकर ने उन्हें समझाया कि यह सिर्फ एक फेज़ है और फैसला भावुक होकर नहीं लेना चाहिए।
बदला फैसला
तेंदुलकर की बात मानकर सहवाग ने रिटायरमेंट का विचार त्याग दिया और खुद को दोबारा साबित करने का मौका दिया।
2011 वर्ल्ड कप हीरो
सहवाग ने आगे जाकर भारत को कई यादगार शुरुआत दीं। वर्ल्ड कप 2011 में उन्होंने 380 रन बनाए और भारत को खिताब दिलाने में अहम भूमिका निभाई।
आज सहवाग मानते हैं कि अगर तेंदुलकर ने उस समय उन्हें रोका न होता, तो भारत एक बड़े मैच-विनर को जल्दी खो देता।
FAQs
सहवाग ODI से कब संन्यास लेना चाहते थे?
2008 में ऑस्ट्रेलिया सीरीज़ के दौरान उन्होंने सोचा था।
धोनी ने सहवाग को क्यों ड्रॉप किया?
उनकी खराब फॉर्म के कारण रॉबिन उथप्पा को मौका दिया।
सहवाग को किसने रोका?
सचिन तेंदुलकर ने उन्हें भावुक होकर फैसला न लेने की सलाह दी।
2011 वर्ल्ड कप में सहवाग का प्रदर्शन कैसा रहा?
उन्होंने 380 रन बनाए, औसत 47.50 का रहा।
तेंदुलकर ने सहवाग से क्या कहा?
कि ये खराब दौर है, यह गुजर जाएगा और संन्यास का फैसला टाल दो।











