अहमदाबाद टेस्ट में साई सुदर्शन जब रोस्टन चेस की सीधी गेंद पर एलबीडब्ल्यू हुए, तो उनके चेहरे पर साफ मायूसी थी। आसान पिच और कमजोर बॉलिंग अटैक के खिलाफ यह उनके लिए खुद को नंबर 3 पर साबित करने का बड़ा मौका था — जो वो चूक गए।
सिर्फ एक फ्लॉप नहीं
अगर ये सिर्फ एक खराब पारी होती, तो शायद इतना दबाव न होता। लेकिन 7 पारियों में सिर्फ एक अर्धशतक और औसत 21 — ये आंकड़े भारतीय टेस्ट टीम में बने रहने के लिए काफी नहीं हैं।
प्रेशर टेस्ट
23 साल के साई को अब ये पता है कि कोटला में अगर रन नहीं बने, तो उनकी जगह खतरे में पड़ सकती है। और भारतीय टीम में जब इतने दावेदार हों, तो एक मौका भी बड़ी चीज़ होती है।
कड़ी तुलना
सरफराज खान जैसे बल्लेबाज़, जिन्होंने मुश्किल पिच पर शतक मारा, वो भी दो मैच बाद बाहर हो जाते हैं। करुण नायर का उदाहरण सामने है, जिनका औसत साई से बेहतर था, फिर भी उन्हें लगातार नजरअंदाज किया गया।
चयनकर्ता की सोच
अजित आगरकर ने खुद कहा कि उन्हें करुण से और उम्मीदें थीं। इसका मतलब साफ है — साई को भी जल्दी ही उस लेवल पर परफॉर्म करना होगा, वरना ‘पोटेंशियल’ अब बहाना नहीं बनेगा।
कोटला का इम्तिहान
इस टेस्ट की अहमियत और भी बढ़ जाती है क्योंकि विकेटकीपर ध्रुव जुरेल जैसे नए खिलाड़ी ने शतक मारकर खुद को साबित कर दिया है। अब जब पंत की वापसी करीब है, तो साई अगर नहीं चले, तो उन्हें रोकना मुश्किल होगा।
टैलेंट है, पर अब रन चाहिए
साई के पास क्लास है — ऑफ स्टंप की समझ, शॉट सिलेक्शन और रन बनाने की स्किल भी। लेकिन इंटरनेशनल लेवल पर टैलेंट नहीं, परफॉर्मेंस मायने रखता है।
गांधी की राय
पूर्व ओपनर देवांग गांधी मानते हैं कि साई को थोड़ा और वक्त मिलना चाहिए। उन्होंने कहा, “नंबर 3 आसान जगह नहीं है। द्रविड़ और पुजारा जैसे दिग्गजों की विरासत संभालनी है।”
गिल का उदाहरण
गांधी ने शुभमन गिल का ज़िक्र भी किया — जिन्हें शुरुआती फेल्योर के बावजूद टीम ने बैक किया और अब वो भारतीय बल्लेबाज़ी का अहम हिस्सा बन चुके हैं।
लेकिन खतरा टला नहीं
साई का फर्स्ट क्लास औसत 39.40 है — जो ठीक-ठाक है, लेकिन उससे बेहतर खिलाड़ी कतार में हैं। अगर कोटला में फ्लॉप हुए, तो साउथ अफ्रीका सीरीज से पहले नंबर 3 की कुर्सी फिर से चर्चा में आ जाएगी।
अब नहीं तो कब?
कोटला टेस्ट साई सुदर्शन के लिए एक और मैच नहीं — यह उनके टेस्ट करियर की दिशा तय कर सकता है। अब उन्हें रन बनाकर दिखाना होगा कि वो नंबर 3 के असली हकदार हैं। क्योंकि वक्त कम है, दावेदार ज़्यादा और टीम इंडिया की सीटें सीमित।
FAQs
साई सुदर्शन का टेस्ट औसत क्या है?
सात पारियों में उनका औसत सिर्फ 21 है।
क्या कोटला टेस्ट साई के लिए अहम है?
हां, यह उनके टेस्ट करियर की दिशा तय कर सकता है।
ध्रुव जुरेल क्यों चर्चा में हैं?
उन्होंने पिछले टेस्ट में शतक लगाया और पंत की जगह खेल रहे हैं।
देवांग गांधी ने साई को लेकर क्या कहा?
उन्होंने कहा साई को समय देना चाहिए, वो नंबर 3 के लिए उपयुक्त हैं।
साई को किसकी जगह खेलने का मौका मिल रहा है?
वो राहुल द्रविड़ और पुजारा जैसे बल्लेबाजों की जगह भरने की कोशिश कर रहे हैं।











