भारत ने 2025 का महिला क्रिकेट वर्ल्ड कप जीतकर इतिहास रच दिया, और इस जीत की एक चमकती हुई वजह बनीं रिचा घोष। 22 साल की इस यंग क्रिकेटर ने पूरे टूर्नामेंट में जबरदस्त खेल दिखाया और कई बार टीम को मुश्किल हालात से बाहर निकाला।
घोषणा
अब रिचा के इस शानदार प्रदर्शन का सम्मान करते हुए पश्चिम बंगाल सरकार ने एक बड़ा कदम उठाया है। सिलीगुड़ी में उनके नाम पर एक नया क्रिकेट स्टेडियम बनाया जाएगा।
मुख्यमंत्री
ये फैसला खुद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने लिया है। उन्होंने बताया कि ‘रिचा घोष क्रिकेट स्टेडियम’ चंदमणि टी एस्टेट की 27 एकड़ जमीन पर बनेगा। ये स्टेडियम सिर्फ एक सम्मान नहीं, बल्कि नॉर्थ बंगाल के युवाओं के लिए एक बड़ी प्रेरणा भी बनेगा।
प्रेरणा
ममता बनर्जी ने कहा कि इस तरह की टैलेंटेड खिलाड़ियों को पहचान देना बहुत जरूरी है, ताकि अगली जनरेशन को भी मोटिवेशन मिले। उन्होंने ये भी कहा कि इस प्रोजेक्ट पर जल्दी ही काम शुरू होगा।
सम्मान
रिचा को हाल ही में राज्य सरकार की ओर से ‘बंगा भूषण’ अवॉर्ड दिया गया। साथ ही उन्हें डीएसपी की पोस्ट भी ऑफर की गई और एक सोने की चेन गिफ्ट में मिली।
इनाम
क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ बंगाल (CAB) ने भी उनके प्रदर्शन की तारीफ करते हुए उन्हें 34 लाख रुपये का इनाम दिया। ये रकम उन्होंने फाइनल में बनाए गए हर रन के लिए 1 लाख रुपये के हिसाब से दी।
फाइनल
फाइनल मैच में रिचा ने सातवें नंबर पर आकर सिर्फ 24 गेंदों में 34 रन जड़ दिए। इस पारी में उन्होंने तीन चौके और दो छक्के लगाए। उनकी इस पारी ने भारत को मजबूत स्कोर तक पहुंचाया।
जीत
भारत ने 298/7 बनाए और जवाब में साउथ अफ्रीका की टीम सिर्फ 246 रन पर सिमट गई।
तारीफ
इस मैच के बाद कई दिग्गज खिलाड़ियों ने रिचा की तारीफ की। सौरव गांगुली, जो फिलहाल CAB के प्रमुख हैं, उन्होंने कहा कि निचले क्रम में रन बनाना सबसे मुश्किल होता है, लेकिन रिचा ने कम गेंदों में शानदार स्ट्राइक रेट से रन बनाकर टीम को फायदा पहुंचाया।
लीडरशिप
गांगुली ने ये भी कहा कि रिचा में लीडरशिप की काबिलियत है और वो आने वाले समय में भारत की कप्तान भी बन सकती हैं। उन्होंने बड़े प्यार से कहा, “तुम अभी सिर्फ 22 साल की हो, तुम्हारे पास पूरा टाइम है।”
पहचान
जैसे हम झूलन पर गर्व करते हैं, वैसे ही एक दिन तुम्हारे नाम पर भी कहेंगे — रिचा, इंडिया की कप्तान।
शुरुआत
झूलन गोस्वामी ने भी रिचा की तारीफ की और एक खास किस्सा बताया। उन्होंने कहा कि 2013 में जब सिलीगुड़ी में उन्होंने अंडर-15 ट्रायल शुरू करवाया था, तभी पहली बार रिचा को देखा था।
पहला ट्रायल
उन्होंने फौरन कहा था, “इसे सीनियर टीम में लाओ।” और आज उसी लड़की ने वर्ल्ड कप जितवाया।
रिएक्शन
रिचा का कहना है कि उन्हें अब भी यकीन नहीं हो रहा कि सबकुछ कितना जल्दी बदल गया।
प्रैक्टिस
उन्होंने अपनी प्रैक्टिस के बारे में बताया कि वो नेट्स पर खुद को टाइम देती हैं — जैसे इतने मिनट में इतने रन बनाने हैं। इससे मैच में प्रेशर झेलने में मदद मिलती है।
मनोबल
जब उनसे पूछा गया कि वो दबाव को कैसे मैनेज करती हैं, तो उन्होंने बड़ी सिंपल सी बात कही — “मैं प्रेशर लेना पसंद करती हूं, लेकिन मूवी देखकर खुद को रिलैक्स करती हूं।”
प्रेरणा
रिचा की ये सक्सेस सिर्फ उनकी नहीं, हर उस लड़की की जीत है जो बड़े सपने देखती है। उनके नाम पर बनने वाला स्टेडियम बस एक इमारत नहीं होगा, वो हर उस उम्मीद की पहचान बनेगा जो कहती है — लड़कियां भी क्रिकेट की दुनिया में इतिहास रच सकती हैं।
FAQs
रिचा घोष कौन हैं?
वो भारतीय महिला क्रिकेट टीम की विकेटकीपर-बल्लेबाज़ हैं।
रिचा घोष के नाम पर स्टेडियम कहाँ बनेगा?
सिलीगुड़ी में चंदमणि टी एस्टेट पर बनेगा।
रिचा को कितनी इनामी राशि मिली?
उन्हें कुल 34 लाख रुपये मिले।
रिचा ने फाइनल में कितने रन बनाए?
उन्होंने 24 गेंदों पर 34 रन बनाए।
उन्हें कौन सा पुरस्कार मिला है?
बंगाल सरकार ने उन्हें ‘बंगा भूषण’ सम्मान दिया।











