जब देश रिचा घोष की वर्ल्ड कप जीत का जश्न मना रहा था, उसी वक्त सिलीगुड़ी से आई एक और खबर ने सभी को भावुक कर दिया — अब चंदमणि बागान की ज़मीन पर ‘रिचा क्रिकेट स्टेडियम’ बनेगा।
सपने जैसी बात
रिचा घोष के पिता मनबेंद्र घोष, जो खुद एक क्रिकेट अंपायर हैं, इस घोषणा से इतने भावुक हो गए कि उनकी आंखों में आंसू आ गए। उन्होंने कहा, “जिस मैदान से उसकी शुरुआत हुई, अब उसी पर उसका नाम लिखा जाएगा — इससे बड़ी खुशी नहीं हो सकती।”
शुरुआती संघर्ष
रिचा ने सिर्फ 4 साल की उम्र में क्रिकेट पकड़ लिया था। लेकिन उस समय लड़कियों की कोई टीम नहीं होती थी, इसलिए उन्हें लड़कों के साथ प्रैक्टिस करनी पड़ी। शायद इसी वजह से उनकी बैटिंग में वो निडरता और आक्रामकता दिखती है।
सीएम का ऐलान
ये घोषणा खुद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सिलीगुड़ी में प्रेस सेशन के दौरान की। उन्होंने कहा, “रिचा वर्ल्ड चैंपियन बन गई हैं और हम उनके नाम पर स्टेडियम बनाना चाहते हैं। हमारे पास 27 एकड़ की ज़मीन है, जहाँ यह बनेगा।”
पहली बार ऐसा
भारत में कई खिलाड़ियों के नाम पर स्टेडियम हैं, लेकिन किसी महिला क्रिकेटर को, वो भी उनके एक्टिव करियर के दौरान, ऐसा सम्मान देना — ये पहली बार हो रहा है। ये रिचा के साथ-साथ पूरे महिला खेल जगत की जीत है।
प्रेरणादायक संदेश
रिचा के पिता का एक वाक्य हर लड़की के दिल को छू जाएगा — “ये सम्मान सिर्फ रिचा का नहीं है, ये हर उस लड़की का है जिसने कभी बैट उठाया और इन पहाड़ों के बीच खड़े होकर बड़ा सपना देखा।”
शानदार प्रदर्शन
रिचा ने वर्ल्ड कप 2025 में 235 रन बनाए, स्ट्राइक रेट रहा 133+ और 12 छक्कों के साथ वो डॉटिन के साथ सबसे ज़्यादा छक्के लगाने वाली खिलाड़ी बनीं। फाइनल में उन्होंने 34 रन की अहम पारी खेली और सेमीफाइनल में भारत की ऐतिहासिक जीत में बड़ी भूमिका निभाई।
अद्भुत सम्मान
उन्हें बंगा भूषण अवॉर्ड, डिप्टी एसपी पद, गोल्डन बैट और ₹34 लाख का इनाम मिल चुका है। और अब उनके नाम पर स्टेडियम — ये उनकी मेहनत, लगन और जज़्बे का असली इनाम है।
आशा की रौशनी
रिचा घोष की ये कहानी हर उस बच्चे के लिए प्रेरणा है जो छोटे शहर से उठकर बड़े सपने देखता है। चाय बागानों की ज़मीन से निकली ये बेटी अब लाखों के लिए उम्मीद की रौशनी बन गई है।
FAQs
रिचा क्रिकेट स्टेडियम कहाँ बनेगा?
सिलीगुड़ी के चंदमणि बागान, माटीगाड़ा में।
कौन हैं रिचा घोष?
भारत की वर्ल्ड कप जीतने वाली महिला क्रिकेटर।
रिचा ने क्रिकेट खेलना कब शुरू किया?
4 साल की उम्र से, लड़कों के साथ ट्रेनिंग की।
रिचा के पिता क्या करते हैं?
मनबेंद्र घोष एक अंपायर हैं।
रिचा को अब तक कौन-कौन से सम्मान मिले हैं?
बंगा भूषण, DSP पद, गोल्डन बैट और ₹34 लाख।











