भारतीय टेस्ट टीम की बल्लेबाज़ी लाइन-अप इन दिनों कुछ ज्यादा ही बदली-बदली सी लग रही है। खासकर नंबर 3 की पोजिशन पर जहां बीते कुछ महीनों में तीन नाम ट्राय किए गए — साई सुदर्शन, करुण नायर और अब वॉशिंगटन सुंदर।
गंभीर की रणनीति
गौतम गंभीर के कोच बनने के बाद से टीम में काफी प्रयोग हुए हैं। लेकिन अब सवाल ये है — क्या इन बदलावों के पीछे कोई ठोस प्लान है, या फिर ये बस ‘देखते हैं क्या होता है’ वाली सोच है?
कोलकाता टेस्ट का फैसला
साउथ अफ्रीका के खिलाफ कोलकाता टेस्ट में भारत ने चार स्पिनर्स को उतारा और वॉशिंगटन सुंदर को नंबर 3 पर भेजा। वही पोजिशन जो कुछ समय पहले तक साई सुदर्शन को दी गई थी।
सुदर्शन का प्रदर्शन
साई सुदर्शन ने वेस्टइंडीज के खिलाफ 7, 87 और 39 रन बनाए थे। इतने खराब आंकड़े नहीं थे कि उन्हें तुरंत बाहर कर दिया जाए। इसके बाद सुंदर को मौका मिला, जिन्होंने 29 और 31 रन बनाए — ठीकठाक लेकिन नंबर 3 के लिए काफी नहीं।
आकाश चोपड़ा का सवाल
पूर्व क्रिकेटर आकाश चोपड़ा ने इस पूरे बदलाव पर सीधा सवाल उठाया। उन्होंने पूछा कि अगर सुंदर को अब टीम का लॉन्ग-टर्म नंबर 3 माना जा रहा है, तो फिर साई सुदर्शन और करुण नायर के साथ जो किया गया, वो सिर्फ टाइम पास था?
स्पष्टता ज़रूरी
चोपड़ा ने कहा कि अगर टीम प्लान में बार-बार बदलाव होते रहेंगे, तो खिलाड़ियों को रोल क्लियर नहीं रहेगा। इससे ना सिर्फ परफॉर्मेंस पर असर पड़ेगा, बल्कि टीम का आत्मविश्वास भी हिलेगा।
स्पेशलिस्ट की ज़रूरत
नंबर 3 से 5 तक के बल्लेबाज़ों का रोल बिल्कुल साफ होता है — रन बनाना, समय निकालना और पारी को संभालना। ऐसे में इन जगहों पर स्पेशलिस्ट बल्लेबाज़ों की ज़रूरत होती है, ऑलराउंडर टाइप प्रयोग की नहीं।
संदेश क्या गया?
चोपड़ा ने ये भी पूछा कि आखिर साई सुदर्शन को क्या संदेश दिया गया? उन्हें मौका दिया, उन्होंने कुछ रन भी बनाए और फिर बाहर कर दिया गया — ऐसा क्यों? क्या बस मन बदल गया?
करुण नायर का मामला
करुण नायर को भी इंग्लैंड दौरे पर आज़माया गया था, लेकिन उन्हें कोई लंबा चांस नहीं मिला। यानि पिछले कुछ महीनों में नंबर 3 की पोजिशन एक revolving door बन चुकी है।
खिलाड़ियों का मनोबल
ऐसे बार-बार बदलाव सिर्फ रणनीति को ही नहीं, बल्कि खिलाड़ियों के कॉन्फिडेंस को भी हिला देते हैं। जब तक किसी को एक स्पष्ट रोल और भरपूर मौका नहीं मिलेगा, वो खुद को सेट नहीं कर पाएगा।
क्या जवाब देंगे गंभीर?
गौतम गंभीर का कोचिंग स्टाइल आक्रामक और प्रयोगधर्मी रहा है। लेकिन हर रिस्क तब तक ठीक है जब उसके पीछे कोई लॉन्ग टर्म सोच हो। वरना ये सिर्फ एक टीम को अस्थिर करने वाला एक्सपेरिमेंट बनकर रह जाएगा।
FAQs
भारत ने नंबर 3 पर किसे उतारा साउथ अफ्रीका के खिलाफ?
वॉशिंगटन सुंदर को नंबर 3 पर उतारा गया।
साई सुदर्शन को क्यों बाहर किया गया?
टीम ने सुंदर को प्राथमिकता दी, लेकिन कोई स्पष्ट कारण नहीं बताया।
क्या सुंदर ने नंबर 3 पर अच्छा खेला?
उन्होंने 29 और 31 रन बनाए – ठीक-ठाक प्रदर्शन।
आकाश चोपड़ा ने क्या सवाल उठाया?
क्या सुंदर लॉन्ग-टर्म विकल्प हैं, और क्या साई का समय बर्बाद हुआ?
नंबर 3 पर स्थिरता क्यों जरूरी है?
यह बल्लेबाज़ी क्रम में तकनीक और मानसिक मजबूती की मांग करता है।











