एशेज की पहली टेस्ट में सिर्फ दो दिन में मिली शर्मनाक हार के बाद इंग्लैंड टीम पर जमकर गुस्सा निकला है — और इस बार आवाज़ आई है खुद इंग्लैंड के दिग्गज ज्योफ्री बॉयकॉट की।
कड़ी टिप्पणी
बॉयकॉट ने The Telegraph UK में लिखा, “अब इस बेवकूफ इंग्लैंड टीम को गंभीरता से नहीं लिया जा सकता।” उन्होंने टीम की रणनीति, रवैये और फैसलों पर जमकर तंज कसा।
क्यों भड़के बॉयकॉट?
उन्होंने साफ कहा कि इंग्लैंड बार-बार वही गलतियां दोहरा रहा है। उनके मुताबिक:
- बैटिंग और बॉलिंग में कोई सोच नहीं
- सिर्फ अपनी पब्लिसिटी में भरोसा
- पूर्व खिलाड़ियों की सलाह को नजरअंदाज़ करना
‘हैज-बीन’ का जवाब
बेन स्टोक्स ने सीरीज़ से पहले कहा था कि पुराने खिलाड़ी ‘हैज-बीन’ हैं, लेकिन बॉयकॉट ने पलटवार किया: “अगर आप मूर्खता दोहराते रहेंगे, तो कोई भी आपको गंभीरता से नहीं लेगा।”
बाज़बॉल पर हमला
बॉयकॉट ने इंग्लैंड की फेमस ‘बाज़बॉल’ स्टाइल पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा, “आक्रामक खेल रोमांच लाता है, लेकिन बिना सोच के फैसले और ओवरकॉन्फिडेंस हार दिलाता है — खासकर भारत और ऑस्ट्रेलिया जैसी टीमों के खिलाफ।”
मैच का हाल
- टेस्ट सिर्फ दो दिन में खत्म हुआ
- पहले दिन ही 19 विकेट गिरे
- इंग्लैंड ने पहली पारी में 40 रन की लीड ली
- लेकिन दूसरी पारी में टीम ढह गई
- ऑस्ट्रेलिया ने 205 रनों का टारगेट सिर्फ 2 विकेट गंवाकर हासिल कर लिया
हेड का तूफान
ट्रैविस हेड ने 83 गेंदों पर 123 रन बनाकर इंग्लैंड को मैदान से बाहर कर दिया। उनके साथ लाबुशेन ने भी अर्धशतक लगाया।
अब क्या करेगा इंग्लैंड?
बॉयकॉट की बातें इंग्लैंड टीम के रवैये पर बड़ा सवाल उठाती हैं — क्या सिर्फ आक्रामकता से टेस्ट मैच जीते जा सकते हैं? या फिर हालात के हिसाब से खेलने की समझ ज़रूरी है?
अगर इंग्लैंड ने जल्दी सोच नहीं बदली, तो ये एशेज सीरीज़ उनके हाथ से बहुत जल्दी फिसल सकती है।
FAQs
बॉयकॉट ने इंग्लैंड की आलोचना क्यों की?
टीम की मूर्खता भरी रणनीति और गलत फैसलों के कारण।
‘बाज़बॉल’ को लेकर बॉयकॉट का क्या कहना है?
यह हार की वजह बन रहा है, खासकर बड़ी टीमों के खिलाफ।
पर्थ टेस्ट कितने दिन चला?
सिर्फ दो दिन में खत्म हो गया।
ऑस्ट्रेलिया की जीत में किसने बड़ा योगदान दिया?
ट्रैविस हेड की 123 रन की पारी ने जीत दिलाई।
इंग्लैंड ने कितनी बढ़त ली थी?
पहली पारी में 40 रन की बढ़त ली थी।











