गुवाहाटी टेस्ट में हार के लिए सिर्फ गौतम गंभीर को दोष देना गलत है – बल्लेबाज़ों की लापरवाही असली वजह बनी

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Stop blaming Gautam Gambhir for every thing

भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच गुवाहाटी में जो टेस्ट मैच खेला गया, उसने हर उस उम्मीद को तोड़ दिया जो फैंस ने लगाई थी। ये सिर्फ एक हार नहीं थी, बल्कि एक ऐसे मौके की बर्बादी थी जहां टीम इंडिया खुद को साबित कर सकती थी। और जैसे ही हार हुई, सोशल मीडिया पर एक ही नाम ट्रेंड करने लगा – गौतम गंभीर।

कोच या खिलाड़ी?

पर क्या हर बार हार के लिए कोच को दोष देना सही है? इस बार मामला कुछ और है।

कमज़ोर बैटिंग

गुवाहाटी की पिच कोलकाता के मुकाबले कहीं ज़्यादा बेहतर थी, फिर भी भारतीय टीम सिर्फ 201 रन पर सिमट गई। शुरुआत से ही टीम की बल्लेबाज़ी में वो मजबूती नहीं दिखी जिसकी ज़रूरत थी। वॉशिंगटन सुंदर और कुलदीप यादव ने आख़िर में थोड़ी लड़ाई ज़रूर दिखाई, लेकिन तब तक गेम हाथ से निकल चुका था।

शॉट सिलेक्शन

सबसे बड़ी बात ये रही कि टीम ने हालात को समझकर खेलने की बजाय एक के बाद एक गलत शॉट खेले। कोई भी प्लेयर ठहरकर खेलना नहीं चाहता था, और यहीं से गिरावट शुरू हो गई।

जानसन का कहर

दूसरी तरफ साउथ अफ्रीका के तेज़ गेंदबाज़ मार्को यानसन ने अपनी प्लानिंग से नहीं, बल्कि स्मार्ट सोच से कहर बरपा दिया। उन्होंने मैच के मूड को भांपा, और बाउंसर फेंक-फेंककर भारतीय बल्लेबाज़ों को बैकफुट पर ला दिया। 6 विकेट लेना किसी प्लान का हिस्सा नहीं था, लेकिन उनकी गेंदों में जो उछाल और टाइमिंग थी, उसने भारत की बैटिंग को एक्सपोज़ कर दिया।

परेशान बल्लेबाज़

जुरेल, जडेजा, रेड्डी और बुमराह – सब उनके बाउंसर में उलझ गए।

बड़ी ग़लतियां

कुछ गलत फैसले भी भारी पड़े। जैसे जुरेल जब नए आए थे, तो उन्होंने टी ब्रेक से ठीक पहले बाउंसर पर पुल खेलने की कोशिश की और आउट हो गए। क्रिकेट में इसे ‘ब्रेन फेड’ कहते हैं। उसके बाद रिषभ पंत आए और पहले ही ओवर में बॉल को हवा में मारने चले गए। वो भी आउट हो गए, और ऊपर से DRS भी ले लिया – जबकि एज़ साफ़ था। मतलब ग़लती पर ग़लती।

कोच की भूमिका

अब बात आती है कोच गौतम गंभीर की। हां, ये सही है कि वॉशिंगटन सुंदर को नंबर 3 से हटाकर नंबर 8 पर भेजना एक अजीब फैसला था। ऐसे मूव्स पर सवाल उठने लाज़मी हैं। लेकिन इस टेस्ट की हार का असली कारण खराब बल्लेबाज़ी थी।

टॉप ऑर्डर फेल

अगर कुलदीप और सुंदर जैसी लोअर ऑर्डर बैटिंग कुछ देर टिक सकती है, तो क्या टॉप ऑर्डर से उम्मीद करना ग़लत था?

टीम का संतुलन

अब वक्त आ गया है कि टीम मैनेजमेंट नए खिलाड़ियों के साथ-साथ अनुभव की भी अहमियत समझे। मैच रीडिंग और हालात के हिसाब से खेलने की समझ हर युवा खिलाड़ी में नहीं होती – और इसे सिर्फ नेट्स में नहीं सीखा जा सकता।

चमत्कार की जरूरत

दक्षिण अफ्रीका ने पहली पारी में 288 रन की बढ़त ले ली है। भारत को अब वापसी के लिए किसी चमत्कार की ज़रूरत है।

असली जिम्मेदारी

लेकिन इस हार से जो सबसे बड़ा सबक मिलता है, वो ये कि सिर्फ कोच को कोसकर असली ग़लतियों से नज़र नहीं हटाई जा सकती। इस बार जिम्मेदारी सिर्फ और सिर्फ बल्लेबाज़ों की है। यही सच्चाई है।

FAQs

गंभीर को क्यों दोष नहीं देना चाहिए?

इस बार बल्लेबाज़ों की गलतियां ज़िम्मेदार हैं, न कि कोच।

मार्को यानसन कैसे सफल हुए?

उन्हें पिच से उछाल मिला और उन्होंने शॉर्ट बॉल का अच्छा इस्तेमाल किया।

पंत ने गलत रिव्यू क्यों लिया?

वह दबाव में थे और शायद मानसिक रूप से स्पष्ट नहीं थे।

गुवाहाटी की पिच कैसी थी?

पिच बल्लेबाज़ी के लिए अच्छी थी, दोष पिच का नहीं था।

क्या भारत मैच बचा सकता है?

बहुत मुश्किल है, चमत्कार की ज़रूरत होगी।

Ehtesham Arif

I’m Ehtesham Arif, lead cricket analyst at Kricket Wala with over 3 years of experience in cricket journalism. I’m passionate about bringing you reliable match analysis and the latest updates from the world of cricket. My favorite team is India, and in the IPL, I support Delhi Capitals.

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