ये खिलाड़ी तैयार नहीं हैं – आकाश चोपड़ा ने टेस्ट टीम में IPL प्रदर्शन के आधार पर चयन पर उठाए सवाल

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Aakash Chopra

भारत को साउथ अफ्रीका से 0-2 की टेस्ट सीरीज़ हार झेलनी पड़ी और इसके साथ ही चयन नीति पर बहस एक बार फिर ज़ोर पकड़ने लगी है। इस बार पूर्व क्रिकेटर और कमेंटेटर आकाश चोपड़ा ने टीम मैनेजमेंट और चयनकर्ताओं की रणनीति पर सीधा हमला बोला है।

टेस्ट T20 नहीं होता

अपने यूट्यूब चैनल पर चोपड़ा ने कहा, “हर कोई शुभमन गिल या यशस्वी जायसवाल नहीं हो सकता। कुछ खिलाड़ी अपवाद होते हैं, लेकिन सभी के लिए वो अप्रोच नहीं चल सकती। टेस्ट क्रिकेट का दबाव अलग होता है और उसके लिए घरेलू क्रिकेट का अनुभव बेहद ज़रूरी है।”

IPL से सीधे टेस्ट कैप?

आकाश चोपड़ा ने उदाहरण देते हुए बताया कि कैसे कुछ खिलाड़ियों को बेहद कम फर्स्ट क्लास अनुभव के बावजूद टेस्ट डेब्यू मिल गया:

  • यशस्वी जायसवाल: 15 मैच
  • शुभमन गिल: 22 मैच
  • साई सुदर्शन: 29 मैच
  • नितीश रेड्डी: 23 मैच
  • ध्रुव जुरेल: 15 मैच
  • देवदत्त पडिक्कल: 31 मैच

उन्होंने कहा, “इनमें से कई खिलाड़ियों को सिर्फ IPL की चमक और ‘संभावना’ के नाम पर मौका मिला, जबकि ऐसे कई खिलाड़ी जो सालों से घरेलू क्रिकेट में शानदार प्रदर्शन कर रहे हैं, अब भी बाहर बैठे हैं।”

ये सिलसिला खतरनाक है

चोपड़ा ने चेताया कि अगर टेस्ट कैप ऐसे ही आसानी से बांटी जाती रही, तो भारत के टेस्ट क्रिकेट में ट्रांज़िशन और मुश्किल हो जाएगा।

उन्होंने कहा, “टेस्ट कैप एक सम्मान है, और वो तभी मिलनी चाहिए जब खिलाड़ी ने 2-3 सीज़न तक घरेलू क्रिकेट में निरंतर प्रदर्शन किया हो। टेस्ट का दबाव अलग लेवल का होता है, और बिना तैयारी के खिलाड़ी उसमें टूट सकते हैं।”

चयन में पक्षपात?

उन्होंने सवाल किया कि अगर सबसे ज़्यादा फर्स्ट क्लास मैच खेलने वाले देवदत्त पडिक्कल को सीमित मौके मिलते हैं, लेकिन रेड्डी या जुरेल जैसे अपेक्षाकृत अनुभवहीन खिलाड़ी टेस्ट खेल रहे हैं, तो क्या यह चयन में पूर्वाग्रह नहीं है?

टेस्ट के लिए मानसिकता ज़रूरी

चोपड़ा का मानना है कि सीमित ओवरों में आक्रामक खेलने वाले खिलाड़ी जब टेस्ट में आते हैं, तो अक्सर गेम को एडजस्ट नहीं कर पाते। इसका असर अब भारत के घरेलू रिकॉर्ड में भी दिखने लगा है।

उन्होंने साफ कहा: “टैलेंट तभी मायने रखता है जब वो अनुभव और धैर्य के साथ आता है। सिर्फ चमक-दमक से टेस्ट क्रिकेट नहीं जीता जा सकता।”

FAQs

आकाश चोपड़ा ने किस पर सवाल उठाए?

चयनकर्ताओं पर IPL प्रदर्शन के आधार पर टेस्ट कैप देने पर।

चोपड़ा के अनुसार टेस्ट डेब्यू से पहले क्या जरूरी है?

2-3 घरेलू सीजन का अनुभव और निरंतर प्रदर्शन।

किन खिलाड़ियों का उदाहरण दिया गया?

साई सुदर्शन, जुरेल, रेड्डी, पडिक्कल जैसे खिलाड़ियों का।

चोपड़ा ने टेस्ट क्रिकेट को किससे अलग बताया?

T20 और वनडे क्रिकेट से।

चयनकर्ताओं को क्या सलाह दी गई?

पहले घरेलू क्रिकेट में प्रदर्शन देखें, फिर टेस्ट कैप दें।

Ehtesham Arif

I’m Ehtesham Arif, lead cricket analyst at Kricket Wala with over 3 years of experience in cricket journalism. I’m passionate about bringing you reliable match analysis and the latest updates from the world of cricket. My favorite team is India, and in the IPL, I support Delhi Capitals.

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