विजय हजारे ट्रॉफी में जब बिहार ने अरुणाचल प्रदेश के खिलाफ 574 रन बना डाले, तो पहली नजर में यह भारतीय घरेलू क्रिकेट की एक ऐतिहासिक उपलब्धि लगी। इतने बड़े स्कोर ने सभी का ध्यान खींचा, लेकिन इसके साथ ही कुछ गंभीर सवाल भी सामने आए।
अलग बहस
इस मुकाबले के बाद Ravichandran Ashwin ने अपनी YouTube चैनल पर जो बात कही, उसने चर्चा की दिशा बदल दी। अश्विन ने साफ कहा कि घरेलू क्रिकेट में कुछ टीमों के बीच स्तर का अंतर अब इतना ज्यादा हो चुका है कि मुकाबले की भावना ही खत्म होती जा रही है।
तारीफ के साथ सवाल
अश्विन ने Vaibhav Suryavanshi की खुलकर तारीफ की। उन्होंने कहा कि वैभव ने वही किया, जो एक बल्लेबाज़ को करना चाहिए था। लेकिन इसके साथ ही उन्होंने यह सवाल भी उठाया कि जब दो टीमें एक-दूसरे के स्तर की ही नहीं होतीं, तो ऐसे मैचों से आखिर फायदा किसे होता है और नुकसान कौन झेलता है।
वैभव का शो
मैच में वैभव सूर्यवंशी ने 84 गेंदों में 190 रन ठोक दिए। उनकी पारी में 15 छक्के और 16 चौके शामिल थे। उन्होंने सिर्फ 36 गेंदों में शतक पूरा किया, जो लिस्ट ए क्रिकेट में किसी भारतीय द्वारा दूसरा सबसे तेज़ शतक रहा। यह पारी अपने आप में असाधारण थी और भविष्य के एक बड़े स्टार की झलक देती है।
कप्तान की आग
इससे पहले बिहार के कप्तान साकिबुल गनी ने भी गेंदबाज़ों की जमकर खबर ली। उन्होंने 32 गेंदों में शतक पूरा किया और 40 गेंदों पर 128 रन बनाए। मैदान पर ऐसा लग रहा था मानो गेंदबाज़ सिर्फ औपचारिकता निभा रहे हों और बल्लेबाज़ी पूरी तरह हावी हो चुकी हो।
एकतरफा हालात
पूरे मैच में बिहार की टीम ने 49 चौके और 38 छक्के लगाए। विकेटकीपर आयुष लोहारुका ने भी 56 गेंदों में 116 रन बनाए, लेकिन इतने बड़े स्कोर में उनकी पारी भी कहीं दबकर रह गई। मुकाबला इतना एकतरफा था कि जीत का रोमांच बहुत पहले ही खत्म हो गया।
अश्विन की चिंता
अश्विन का मानना है कि ऐसे मैचों से अरुणाचल जैसी टीमों का आत्मविश्वास बढ़ने के बजाय टूटता है। उन्होंने साफ कहा कि क्रिकेट को सबके लिए बेहतर बनाने की बात जरूर होती है, लेकिन अगर कमजोर टीमों को लगातार ऐसी हार झेलनी पड़े, तो विकास की जगह नुकसान ज्यादा होगा।
असल मुद्दा
भारत की घरेलू क्रिकेट संरचना में प्लेट ग्रुप जैसी टीमें शामिल हैं, जिन्हें बड़ी टीमों के साथ खेलने का मौका तो मिलता है, लेकिन स्तर का अंतर इतना बड़ा होता है कि मुकाबला बराबरी का रह ही नहीं पाता। अश्विन ने इसी सिस्टम पर सवाल उठाया और इशारा किया कि शायद अब इस फॉर्मेट पर दोबारा सोचने की जरूरत है।
वैभव सूर्यवंशी की पारी भारतीय क्रिकेट के लिए गर्व का पल है, लेकिन उसी के साथ अश्विन की बात यह याद दिलाती है कि सिर्फ रिकॉर्ड बनाना ही काफी नहीं है। अगर घरेलू क्रिकेट को सच में मजबूत बनाना है, तो मुकाबलों की गुणवत्ता और टीमों के बीच संतुलन पर भी उतना ही ध्यान देना होगा।
FAQs
वैभव सूर्यवंशी ने कितने रन बनाए?
190 रन, 84 गेंदों में, 15 छक्कों के साथ।
साकिबुल गनी ने कितनी गेंदों में शतक बनाया?
सिर्फ 32 गेंदों में शतक बनाया।
बिहार ने कुल कितने रन बनाए?
बिहार ने 574 रन बनाए 50 ओवर में।
अश्विन का मुख्य सवाल क्या था?
टीमों के बीच गुणवत्ता के अंतर को लेकर चिंता जताई।
मैच में कितने चौके और छक्के लगे?
49 चौके और 38 छक्के पूरे मैच में लगे।











