रणजी ट्रॉफी के इतिहास में पहली बार खिताब अपने नाम करने वाली मध्य प्रदेश की टीम का सोमवार रात इंदौर में जोरदार स्वागत किया गया। मध्य प्रदेश ने 41 बार की चैंपियन रह चुकी मुंबई को घरेलू क्रिकेट के इस सबसे बड़े मुकाबले में रविवार को चिन्नास्वामी स्टेडियम में हराकर इतिहास रचा था।
रणजी का खिताब जीतने के बाद इंदौर लौटी मध्य प्रदेश की टीम और कोच चंद्रकांत पंडित को हवाई अड्डे पर फूल मालाएं पहनाई गईं और उन्हें मिठाई खिलाकर इस जीत का जश्न मनाया गया। इसके बाद मध्य प्रदेश की पहली ट्रॉफी के विजेता खिलाड़ियों को फूलों से सजी हुई बस में बिठाकर होलकर स्टेडियम स्थित एमपीसीए मुख्यालय ले जाया गया।
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स्टेडियम में पहुंचते ही आतिशबाजी की गई और खिलाड़ियों व कोच के ऊपर फूलों की बरसात भी की गई। 23 साल पहले साल 1998/99 में कर्नाटक ने रणजी ट्रॉफी उठाने के लिए एम चिन्नास्वामी स्टेडियम में मध्य प्रदेश को 96 रनों से हरा दिया था। तब चंद्रकांत पंडित मध्य प्रदेश के कप्तान के रूप में ट्रॉफी जीतने से चूक गए थे।
अब 23 साल बाद चंद्रकांत पंडित के लिए यह क्षण फिर से आया। जब उनकी कोचिंग के तहत मध्य प्रदेश ने ट्रॉफी अपने नाम की।