Ayesha Naseem Retirement : पाकिस्तान की होनहार युवा महिला क्रिकेटर आयशा नसीम ने महज 18 वर्ष की आयु में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से सन्यास लेने की घोषणा कर दी है। संन्यास की पुष्टि करने के लिए,आयशा ने पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) से संपर्क किया। जाने माने क्रिकेटर वसीम अकरम ने भी आयशा की सहराना करते हुए उन्हें ‘गंभीर प्रतिभा’ करार दिया था। आयशा ने इस्लामी सिद्धांतों के प्रति अपनी निष्ठा का हवाला देते हुए क्रिकेट से संन्यास लेने की घोषणा की है।
टीम कप्तान ने किया समझाने का प्रयास
जिस उम्र में अधिकांश खिलाड़ी अपने करियर की शुरुआत करते हैं, उस उम्र में आयशा के सन्यास की घोषणा ने सबको भोचक्का सा कर दिया है। पाकिस्तान महिला क्रिकेट टीम की कप्तान निदा डार और पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) के साथ अन्य पाकिस्तानी खिलाड़ियों ने भी आयशा को समझाने की कोशिश की वे क्रिकेट के साथ भी इस्लाम की शिक्षा ले सकती है, लेकिन आयशा ने अपने फैसले पर पुनर्विचार करने से इनकार कर दिया। जिसके चलते उन्होंने अपना फैसला नहीं बदला।
टीम के टॉप बल्लेबाजों में शुमार
आयशा को जब ट्रेनिंग कैंप और असाइनमेंट के लिए संपर्क किया हुआ तब उन्होंने बोर्ड को बताया कि वे अब क्रिकेट नहीं खेलना चाहती। साथ ही साथ उन्होंने बोर्ड को यह भी साफ़ किया कि यह उनका निजी फैसला है। वे इस्लामी शिक्षाओं के अनुसार अपना जीवन जीना चाहती है।आयशा ने बहुत ही कम समय में अपनी आक्रामक बल्लेबाज़ी से पाकिस्तान महिला क्रिकेट टीम के टॉप बल्लेबाजों में अपना नाम दर्ज कराया। उन्होंने 4 एक दिवसीय अंतरराष्ट्रीय और 30 टी 20 अंतरराष्ट्रीय (टी20ई) मैचों में पाकिस्तान टीम का प्रतिनिधित्व किया है।उन्हें महिला क्रिकेट का एक उभरता हुआ सितारा माना जा रहा था।
पहले भी कई खिलाडी कर चुके है धर्म की ओर रुख
इससे पहले भी सईद अनवर, इंजमाम उल हक, मुहम्मद यूसुफ, सकलैन मुश्ताक और मुश्ताक अहमद जैसे पाकिस्तान पुरुष टीम के कई हाई-प्रोफाइल खिलाड़ियों ने क्रिकेट खेलते हुए धर्म का रुख किया और अपने खेल को जारी रखा ,लेकिन अनवर ने 2002 में अपनी युवा बेटी को खोने के बाद खेल से पूरी तरह दूरी बना ली। यहां तक की इंजमाम, यूसुफ, मुश्ताक और सकलैन क्रिकेट खेलने के साथ साथ तबलीगी जमात का हिस्सा भी बने।