इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (आईसीसी) एलीट पैनल के सदस्य नितिन मेनन उन 10 अधिकारियों के ग्रुप में शामिल हैं, जिन्हें बीसीसीआई (भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड) के नए शुरू किए गए अंपायरों के ‘ए प्लस’ वर्ग में रखा गया है। -प्लस वर्ग में 4 अंतरराष्ट्रीय अंपायर – अनिल चौधरी, मदनगोपाल जयरमन, वीरेंद्र कुमार शर्मा और केएन अनंतपद्माभानन शामिल हैं।
रोहन पंडित, निखिल पटवर्धन, सदाशिव अय्यर, उल्हास गांधी और नवदीप सिंह सिद्धू भी ए प्लस वर्ग का हिस्सा हैं। सी शम्सुद्दीन सहित 20 अंपायर ग्रुप-ए में हैं जबकि ग्रुप-बी में 60, ग्रुप सी में 46 और ग्रुप-डी में 11 अंपायर हैं। शीर्ष परिषद बैठक में गुरुवार को पूरी लिस्ट रखी गई थी जिसे पूर्व अंतरराष्ट्रीय अंपायर के हरिहरन, सुधीर असनानी और अमीष साहेबा तथा बीसीसीआई अंपायरों की उप समिति के सदस्यों ने तैयार किया।
ए प्लस और ए वर्ग के अंपायरों को प्रथम श्रेणी मैच के लिए प्रत्येक दिन 40,000 रुपये तथा बी और सी वर्ग में प्रत्येक दिन 30,000 रुपये दिए जाते हैं। यह लिस्ट हालांकि अंपायरों के ग्रेड के तौर पर प्रस्तुत की गई लेकिन बीसीसीआई के एक अधिकारी ने स्पष्ट किया कि बोर्ड ने यह ग्रुप बनाया है। अधिकारी ने कहा, ‘यह ‘ग्रेडिंग’ नहीं है। इसमें ग्रुप हैं जिसमें ए प्लस नया वर्ग है। ए प्लस और ए को भारतीय अंपायरों की क्रीम कहा जा सकता है। बी और सी वर्ग में अंपायर भी अच्छे हैं।’
उन्होंने कहा, ‘जब घरेलू टूर्नामेंट में भूमिकायें देने की बात की जाएगी तो तरजीह ग्रुप के हिसाब से होगी। 2021-2022 सीजन में प्रदर्शन की समीक्षा के बाद ग्रुप बनाए गए हैं।’ भारतीय अंपायरों के स्तर की इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) में अकसर आलोचना की जाती रही है। केवल एक भारतीय अंपायर मेनन ही आईसीसी एलीट पैनल का हिस्सा हैं। अधिकारी ने कहा, ‘हम एलीट पैनल को ज्यादा ही तरजीह देते हैं। एलीट पैनल में केवल इंग्लैंड के तीन अंपायर हैं। ऑस्ट्रेलिया के दो अंपायर हैं। ध्यान सभी स्तर पर अंपायरिंग के मानक सुधारने पर होना चाहिए।’