क्रिकेट में जितनी तुलनाएं की जाती हैं, उतनी ही परेशानियां भी खड़ी होती हैं। कई बार ये तुलनाएं खिलाड़ियों के लिए बोझ बन जाती हैं। हाल ही में भारत के युवा विकेटकीपर-बल्लेबाज धृव जुरेल को भी महेंद्र सिंह धोनी से तुलना की गई। लेकिन इन्होंने इस तरह की तुलनाओं को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि उनका लक्ष्य सिर्फ यही है कि वे बेहतरीन क्रिकेटर के रूप में धृव जुरेल बन सकें।
गावस्कर की तुलना से इनकार
धोनी के साथ तुलना करते हुए सुनील गावस्कर ने जुरेल की जमकर तारीफ की थी। लेकिन इस युवा खिलाड़ी ने ‘इंडिया टुडे कॉन्क्लेव’ में कहा, “गावस्कर सर का बहुत-बहुत शुक्रिया उन्होंने मुझे धोनी सर से तुलना की। लेकिन मैं निजी तौर पर कहना चाहूंगा कि धोनी सर ने जो किया है, उसे कोई दोहरा नहीं सकता।
नहीं बन पाऊंगा दूसरा धोनी
धृव जुरेल साफ शब्दों में कहते हैं, “धोनी सर एक ही हैं, हमेशा थे और हमेशा रहेंगे। मेरे लिए, मैं सिर्फ धृव जुरेल बनना चाहता हूं। जो भी मैं करूंगा, वो मैं धृव जुरेल के रूप में करूंगा। लेकिन धोनी सर एक मिसाल हैं और वे हमेशा ऐसे ही बने रहेंगे।”
टेस्ट क्रिकेट ही सबसे शुद्ध रूप
23 वर्षीय धृव जुरेल इस साल इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज में भारत के लिए डेब्यू करने वाले खिलाड़ी थे। उन्होंने कहा, “टेस्ट क्रिकेट ही सबसे शुद्ध रूप है और भारत की कैप पहनना मेरे लिए सपने की तरह था। मुझे हमेशा से विश्वास था कि मैं एक दिन टेस्ट क्रिकेट खेलूंगा।”
टेस्ट और आईपीएल में नहीं है कोई तुलना
धृव जुरेल के मुताबिक, टेस्ट क्रिकेट और आईपीएल में कोई तुलना नहीं की जा सकती है। उन्होंने कहा, “आईपीएल से टेस्ट क्रिकेट के प्रति मेरा प्यार कम नहीं हुआ है। जब मुझे भारतीय टेस्ट कैप मिली तो वह एक अलग ही अहसास था। दोनों के बीच कोई मुकाबला ही नहीं हो सकता, टेस्ट क्रिकेट एक अलग ही स्तर की चीज है।”
धृव जुरेल शुरुआत से ही सपनों को साकार करने की राह पर चल रहे हैं। 12 साल की उम्र में ही वे अपने आगरा घर से निकलकर क्रिकेट अकादमी में ट्रेनिंग लेने नोएडा पहुंच गए थे। अब जब उन्होंने अपना टेस्ट डेब्यू किया है तो वे आगे भी धोनी की तरह बनने की बजाय अपनी अलग पहचान बनाना चाहते हैं।