भारत ने इंग्लैंड को एजबेस्टन टेस्ट में 336 रनों से हराकर न सिर्फ सीरीज़ 1-1 से बराबर की, बल्कि टीम के हेड कोच गौतम गंभीर को भी एक अहम ‘लाइफलाइन’ दे दी। इस जीत के बाद पूर्व विकेटकीपर सुरिंदर खन्ना ने गंभीर और टीम इंडिया पर खुलकर बात की।
गंभीर को मिली राहत की सांस
खन्ना ने कहा कि गंभीर के कार्यकाल में अब तक न्यूजीलैंड, ऑस्ट्रेलिया और इस सीरीज़ का पहला टेस्ट हारना चिंता का विषय रहा था। ऐसे में एजबेस्टन की यह बड़ी जीत गंभीर के लिए जैसे राहत की सांस है। उन्होंने गिल और पूरी टीम को श्रेय देते हुए कहा कि अगर टीम इसी तरह अपनी क्षमता के अनुसार खेले, तो नतीजे ज़रूर मिलेंगे।
गिल की कप्तानी में आया कमाल
शुभमन गिल ने कप्तान के तौर पर पहली टेस्ट जीत दर्ज की और वो भी धमाकेदार अंदाज़ में। उन्होंने पहली पारी में 269 और दूसरी में 161 रन बनाकर कुल 430 रन जड़े। यह एक ही टेस्ट में किसी भी भारतीय बल्लेबाज़ का सबसे बड़ा व्यक्तिगत योगदान है।
सिराज और अकाश दीप की जोड़ी ने जीता दिल
सुरिंदर खन्ना ने मोहम्मद सिराज और अकाश दीप की बॉलिंग की भी खूब तारीफ की। दोनों ने मिलकर 12 विकेट झटके और इंग्लैंड को दोनो पारियों में बांधकर रख दिया। उन्होंने कहा कि ये वही गिल हैं जिन्होंने पहले टेस्ट के बाद अपनी गलतियों को स्वीकारा और वापसी की।
युवाओं को चाहिए समय
खन्ना का मानना है कि गिल जैसे युवा कप्तान को समय देना ज़रूरी है। उन्होंने दिखा दिया है कि वो सीखने और संभालने दोनों में सक्षम हैं।
संयम और सतर्कता की ज़रूरत
हालांकि, खन्ना ने चेतावनी दी कि क्रिकेट में ज्यादा उत्साह भी कभी-कभी नुकसानदायक हो सकता है। उन्होंने कहा कि मौसम और पिच की हालत बदलते देर नहीं लगती, और भारत को अपनी आक्रामकता को संतुलित रखना होगा।
क्रिकेट एक विनम्रता सिखाने वाला खेल
खन्ना ने अंत में कहा, “आज का दिन भारत का है, लेकिन क्रिकेट में कब क्या हो जाए, ये कोई नहीं जानता। हमारी टीम में कई आक्रामक खिलाड़ी हैं, लेकिन संयम बनाए रखना ज़रूरी है।”
FAQs
एजबेस्टन टेस्ट में भारत ने कितने रनों से जीता?
भारत ने इंग्लैंड को 336 रनों से हराया।
शुभमन गिल ने कुल कितने रन बनाए?
गिल ने दोनों पारियों में मिलाकर 430 रन बनाए।
गंभीर को ‘लाइफलाइन’ क्यों कहा गया?
पहले लगातार हारों के बाद यह जीत उनके लिए राहत बनी।
किस गेंदबाज ने सबसे ज्यादा विकेट लिए?
सिराज और अकाश दीप ने 6-6 विकेट लिए।
सुरिंदर खन्ना ने क्या चेतावनी दी?
संयम रखने और मौसम के असर को नजरअंदाज़ न करने की।