लॉर्ड्स टेस्ट के दूसरे दिन भारत की ओर से गेंद दो बार बदली गई, लेकिन जो नई गेंदें दी गईं, वो वास्तव में नई कम और पुरानी ज़्यादा लग रही थीं। यह देखकर कप्तान शुभमन गिल और अंपायर्स के बीच गर्म बहस भी हुई।
गावस्कर का तंज
कमेंट्री के दौरान सुनील गावस्कर ने खुलकर कहा कि नई दी गई गेंद बिल्कुल 10 ओवर की नहीं लग रही थी। उन्होंने तंज कसते हुए कहा:
“अगर भारत में ऐसा हुआ होता और सही गेंद उपलब्ध नहीं होती, तो ब्रिटिश मीडिया ज़रूर हंगामा मचा देती।”
पंत ने पहले भी उठाया था मुद्दा
लीड्स टेस्ट में भी ऋषभ पंत ने गेंद की क्वालिटी पर नाराज़गी जताई थी। जब उनकी मांग पर अंपायर्स ने गेंद नहीं बदली, तो उन्होंने गुस्से में गेंद को दूर फेंक दिया था — जो कैमरे में भी कैद हुआ।
ड्यूक्स बॉल की गुणवत्ता पर सवाल
पूरे इंग्लैंड दौरे में भारतीय टीम के खिलाड़ी बार-बार ड्यूक्स गेंद की गुणवत्ता पर सवाल उठा चुके हैं। गेंद जल्दी खराब हो रही है, सीम ढीली पड़ रही है और बाउंस भी कम मिल रहा है, जिससे तेज़ गेंदबाज़ों को नुकसान हो रहा है।
ड्यूक्स बॉल कंपनी की सफाई
ड्यूक्स बॉल के मालिक दिलीप जजोधिया ने कहा कि गेंद की क्वालिटी पर लगातार काम हो रहा है, लेकिन खिलाड़ियों को भी समझदारी दिखानी चाहिए। उनका मानना है कि गर्म मौसम में गेंद पर असर पड़ता है, और उसे बैलेंस करना आसान नहीं होता।
मीडिया का दोहरा रवैया?
गावस्कर का इशारा साफ था — जब भारत में पिच या गेंद पर सवाल उठते हैं, तो इंग्लैंड की मीडिया और दिग्गज खिलाड़ी ज़्यादा मुखर हो जाते हैं। लेकिन जब वही बातें इंग्लैंड में होती हैं, तो उन्हें या तो नज़रअंदाज़ किया जाता है या बेहद हल्के में लिया जाता है।
निष्कर्ष
लॉर्ड्स टेस्ट का यह गेंद विवाद केवल एक तकनीकी मुद्दा नहीं, बल्कि मीडिया की रिपोर्टिंग के रवैये और खेल के दोहरे मानकों की ओर भी इशारा करता है। गावस्कर का बयान इस बहस को और तेज़ कर सकता है।
FAQs
सुनील गावस्कर ने किस मुद्दे पर टिप्पणी की?
लॉर्ड्स टेस्ट में गेंद की गुणवत्ता पर।
गावस्कर ने ब्रिटिश मीडिया पर क्या कहा?
अगर भारत में होता तो मीडिया बवाल करती।
शुभमन गिल क्यों नाराज़ थे?
गेंद के बार-बार बदलने और उसकी गुणवत्ता को लेकर।
ड्यूक्स बॉल के मालिक कौन हैं?
दिलीप जजोधिया, जो 18वीं सदी से इस गेंद का निर्माण करवा रहे हैं।
ऋषभ पंत ने क्या किया था लीड्स टेस्ट में?
गेंद न बदले जाने पर गुस्से में गेंद दूर फेंक दी थी।