ICC Women’s World Cup 2022 में टीम इंडिया की हार के बाद टीम का सफर समाप्त हो गया है। इसी के साथ भारतीय महिला क्रिकेट टीम की कप्तान मिताली राज का सपना भी चकनाचूर हो गया है। क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले सचिन तेंदुलकर ने छठा वर्ल्ड कप खेलते हुए वर्ल्ड कप ट्रॉफी अपने हाथों में उठाई थी, लेकिन मिताली राज के हिस्से में ये सुनहरा पल नहीं आ सका और टीम का सफर सेमीफाइनल से पहले ही साउथ अफ्रीका के खिलाफ हार के बाद ख़तम हो गया है।
क्राइस्टचर्च में खेले गए वुमेंस वर्ल्ड कप के आखिरी लीग मैच में साउथ अफ्रीका ने भारत को आखिरी गेंद पर 3 विकेट से हरा दिया। भारतीय टीम ने आखिरी गेंद तक लड़ाई लड़ी, लेकिन इन 4 कारणों के चलते टीम को हार का सामना करना पड़ा।
आखिर में नहीं बने रन
भारतीय टीम को शुरुआत काफी अच्छी मिली थी। स्मृति मंधाना और शेफाली वर्मा ने अच्छी शुरुआत दिलाई थी काफी अच्छी तरह से खेलते हुए दोनों ने अर्धशतक भी जड़े थे। यहां तक कि कप्तान मिताली राज ने भी अर्धशतक जड़ा था। हरमनप्रीत कौर ने भी 48 रन की शानदार पारी खेली थी। खेल चला तो लेकिन किसी भी खिलाड़ी ने गेम को फिनिशिंग टच नहीं नहीं दिया।
हरनप्रीत भी आखिरी ओवर तक खेलीं, लेकिन उनके बल्ले से बड़े शॉट नहीं ही नहीं रहे थे। आखिरी की 45 गेंदों पर टीम इंडिया ने सिर्फ 40 रन बनाए और मिताली राज के आउट होने के बाद इंडिया ने 3 विकेट गवा दिए थे।
गेंदबाजी में भी अच्छी शुरुआत, लेकिन नहीं मिले विकेट
इंडिया टीम ने 274 को रोकने के लिए गेंदबाजी में अच्छी शुरुआत की लेकिन इंडियन महिला टीम को पहला विकेट पांचवे ओवर में मिला था। उस समय साउथ अफ्रीका ने मैच में सिर्फ 14 रन बनाये थे।
टीम इंडिया को दुसरे विकेट की तलाश थी लेकिन साउथ अफ्रीकी बल्लेबाजों ने दूसरी विकेट के लिए 125 रन की साझेदारी कर ली थी। दुसरे विकेट के बाद तीसरा विकेट भी जल्दी मिल गया था, लेकिन चौथे विकेट के लिए फिर से 37 रन की साझेदारी हुई और फिर पांचवें विकेट के लिए 47 रन की साझेदारी हुई। इससे भारत पर दबाव बढ़ता चला गया।
नो बॉल ने किया खेल खराब
भारतीय टीम को आखिरी की दो गेंदों पर 2 रनों का बचाव करना था और इन दो गेंदों पर साउथ अफ्रीका को तीन रन बनाने थे। अर्धशतक लगाकर मैगनन डुप्रीज क्रीज पर थीं, जिन्होंने गेंद को लॉन्ग ऑन की तरफ हवा में खेला और वे कैच आउट हो गईं, लेकिन थर्ड अंपायर ने उस गेंद को चेक किया तो पाया कि गेंद नो बॉल था। और इस तरह न सिर्फ डुप्रीज नॉट आउट रहीं, बल्कि एक रन भी चला गया। इस तरह पांचवीं गेंद पर एक रन और फिर आखिरी गेंद पर डुप्रीज ने एक रन लेकर भारत के सपने पर पानी फेर दिया।
झूलन की कमी खली
39 वर्षीय झूलन गोस्वामी को इस अहम मैच में बाहर बैठना पड़ा था। हालांकि, इसमें न तो उनका, न टीम मैनेजमेंट का कोई दोष है, क्योंकि उनको साइड स्ट्रेन था और वे गेंदबाजी करने में असमर्थ थीं।
यही कारण था कि उनके स्थान पर तेज गेंदबाज मेघना सिंह को प्लेइंग इलेवन में मौका दिया गया, जिन्होंने सिर्फ 6 ओवर गेंदबाजी की और 37 रन खर्च किए। उनको विकेट नहीं मिला।
यहां तक कि आखिरी ओवर भी कप्तान ने तेज गेंदबाज से नहीं निकलवाया। ऐसे में साफ कहा जा सकता है कि इस मैच में झूलन गोस्वामी की कमी खली पूरी तौर से महसूस हो रही थी।