टीम इंडिया 2011 जिसके कप्तान थे महेंद्र सिंह धोनी और उन्होंने आज 2 अप्रैल 2022 से 11 साल पहले मुंबई में होने वाले विश्व कप में श्रीलंका टीम को 6 विकेट से हराया था। यह भारत के लिए दूसरी बार था जब भारत ने क्रिकेट के विश्व कप को अपने नाम किया। यह फाइनल मैच जिताने में गौतम गंभीर और एमएस धोनी ने बड़ा योगदान दिया था। गंभीर फाइनल मुकाबले में भारत की तरफ से टॉप स्कोरर रहे थे वहीं इससे पहले 1983 में कपिल देव के नेतृत्व में टीम इंडिया ने उस समय की अजेय वेस्टइंडीज को हराकर वर्ल्ड कप जीता था।
2011 विश्व कप का फाइनल मुकाबला मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में हुआ था। श्रीलंका ने पहले टॉस जीत कर बल्लेबाजी करने का फैसला लिया था। श्रीलंका की टीम ने 50 ओवर में 274 रन बनाये और उनके 6 विकेट गिरे थे। श्रीलंका टीम की तरफ से महेला जयवर्धने ने 103 रनों की शतकीय पारी खेली, उनके अलावा कुमार संगकारा 48, तिलकरत्ने दिलशान 33, नुवान कुलसेखरा 32 और थिसारा परेरा ने 22 रनों का योगदान दिया था। श्रीलंका के खिलाड़ियों ने बेहतरीन बल्लेबाजी करते हुए भारत के सामने एक सम्मान जनक स्कोर को रखा था। इस मैच में भारत के लिए जहीर खान और युवराज सिंह ने 2-2 विकेट लिए थे, जबकि हरभजन सिंह एक सफलता मिली थी।
विश्व कप जितने के लिए भारत को 275 रनों की जरूरत थी। इंडिया टीम ने शुरुआत करते हुए अपना पहला विकेट शून्य पर ही गवा दिया। उसके बाद आये गौतम गंभीर ने पारी को सचिन के साथ मिल कर संभाला था। सचिन तेंदुलकर ने 18 रन बनाए उसके बाद आउट हो गए। विराट कोहली ने भी 35 रन बनाये और वापस लौट गए। उसके बाद पांचवे नंबर पर उतरे महेंद्र सिंह धोनी जिन्होंने गंभीर के साथ मिल कर कमाल कर दिया। दोनों ने मिलकर 109 रनों की साझेदारी बनाई। धोनी ने कुल 91 रन बनाये और गंभीर 97 पर आउट हो गए थे।
गंभीर ने बनाए सबसे ज्यादा रन
सबसे ज्यादा रन बनाते हुए गंभीर ने टीम के लिए 97 रन बनाये और आउट हो गए। उन्होंने 9 चौके लगाए थे। उनके आउट होने के बाद युवराज सिंह ने 22 रनों की पारी खेली थी। इंडिया ने 275 के लक्ष्य को हासिल किया और धोनी और युवराज ने नाबाद पारी खेली। इस तरह भारत ने 275 रनों का लक्ष्य 48.2 ओवर में 4 विकेट के नुकसान पर पूरा कर लिया। एमएस धोनी को शानदार कप्तानी पारी खेलने के लिए प्लेयर ऑफ द मैच के खिताब से नवाजा गया। जबकि पूरे टूर्नामेंट में गेंद और बल्ले से उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले युवराज सिंह को प्लेयर ऑफ द सीरीज अवॉर्ड दिया गया था।
मुंबई की गलियों में टहल रही गेंद
महेंद्र सिंह धोनी ने विश्व कप को आखरी बॉल पर छक्का लगा कर मैच को जीता था। धोनी ने यह छक्का श्रीलंका के बॉलर नुवान कुलसेखरा की गेंद पर लगाया। माही ने इस गेंद पर इतना जबरदस्त प्रहार किया कि बॉल वानखेड़े स्टेडियम के बाहर चली गई थी। क्रिकेट फैंस का आज भी मानना है कि धोनी ने जिस गेंद पर छक्का लगाया था वो आज भी मुंबई की गलियों में टहल रही है।