भारत के पूर्व बल्लेबाज मुरली विजय (murali vijay) का आज जन्म दिन है। उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट डेब्यू किया था। उन्होंने भारत को ढेर सरे जीत की यादें दी है। उन्होंने 61 टेस्ट के अलावा 17 वनडे और 9 टी20 मैच भी खेले हैं। मुरली विजय ने एमएस धोनी (MS Dhoni) को आईपीएल और चैंपियंस टी20 लीग में अहम भूमिका निभाते हुए चैंपियन बनाने में योगदान दिया है।
मुरली विजय पढ़ने में कमजोर थे। उनके पिता को लगता था कि वो आगे जा कर चपरासी बनेंगें। विजय को तो एक बार ये भी कहना पड़ा था कि वो अपनी पढ़ाई को लेकर सुसाइड नहीं करने वाले हैं। बारहवीं में फेल होने के बाद उन्होंने अपना घर छोड़ दिया था। घर वालों कि लगा कि वो परीक्षा में फेल होने के कारण मानसिक तनाव में हैं और कहीं विजय गलत कदम न उठा लें।
जिसके बाद मुरली विजय ने अपने माता पिता को विश्वास दिलाया और कहा कि टेंशन न लें, मैं सुसाइड नहीं करूंगा। मैं अपने हिसाब से रहना चाहता हूं और खुद को पहचानना चाहता हूं। मुरली का जीवन आसान नहीं रहा है।
स्नूकर पार्लर में काम करके चलाया खर्च
असली संघर्ष तो घर से निकलने के बाद शुरू हुआ था। उन्होंने चेन्नई और IIT क्रिकेट ग्राउंड में सोये थे। अपना खर्च चलने के लिए उन्होंने स्नूकर पार्लर में भी काम किया था। उनके अंदर के छिपे टैलेंट को गेंदबाजी कोच भरत अरुण ने पहचाना और उन्होंने चेन्नई क्रिकेट लीग खेलने का न्योता दिया था। जहां मुरली विजय ने हर किसी को प्रभावित किया और अपनी पहचान बनाने में कामयाब हुए।