टीम इंडिया 2011 जिसके कप्तान थे महेंद्र सिंह धोनी और उन्होंने आज 2 अप्रैल 2022 से 11 साल पहले मुंबई में होने वाले विश्व कप में श्रीलंका टीम को 6 विकेट से हराया था। यह भारत के लिए दूसरी बार था जब भारत ने क्रिकेट के विश्व कप को अपने नाम किया। यह फाइनल मैच जिताने में गौतम गंभीर और एमएस धोनी ने बड़ा योगदान दिया था। गंभीर फाइनल मुकाबले में भारत की तरफ से टॉप स्कोरर रहे थे इस मैच को टीम इंडिया के पूर्व कप्तान विराट कोहली ने भी इस ऐतिहासिक जीत को याद किया है।
विराट ने क्या कहा ?
विराट ने कहा, “मुझे आज भी याद है कि जब मैं वर्ल्ड कप के फाइनल में बल्लेबाजी के लिए मैदान में जा रहा था, तब दो विकेट जल्दी गिर चुके थे। सचिन तेंदुलकर और वीरेंद्र सहवाग दोनों आउट हो चुके थे। जब मैं बल्लेबाजी के लिए उतर रहा था, तब पवेलियन की ओर लौट रहे सचिन पाजी ने मुझसे कहा था कि बड़ी पार्टनरशिप करना। इसके बाद मैंने और गौतम गंभीर ने 90 रन (तीसरे विकेट के लिए असल में 83 रन जोड़े) की साझेदारी की थी. तब मैंने 35 रन बनाए थे।”
विराट कोहली ने आगे कहा की “वह 35 रन भी मेरे लिए काफी अहम थे। मैं इसे अपने करियर की सबसे कीमती 35 रन मानता हूं। मुझे इस बात की खुशी थी कि मैं टीम की वापसी में योगदान दे पाया था। वनडे वर्ल्ड कप जीतने की खुशी बयां नहीं कर सकता। भीड़ वंदे मातरम गा रही थी और जो-जीता वही सिकंदर के नारे लग रहे थे। यह इस एक लम्हे को मैं कभी भुला नहीं सकता।”
वर्ल्ड कप 2011 के मैच का हाल
श्रीलंका ने पहले टॉस जीत कर बल्लेबाजी करने का फैसला लिया था। श्रीलंका की टीम ने 50 ओवर में 274 रन बनाये और उनके 6 विकेट गिरे थे। श्रीलंका टीम की तरफ से महेला जयवर्धने ने 103 रनों की शतकीय पारी खेली, उनके अलावा कुमार संगकारा 48, तिलकरत्ने दिलशान 33, नुवान कुलसेखरा 32 और थिसारा परेरा ने 22 रनों का योगदान दिया था।
2011 वर्ल्ड कप के फाइनल में श्रीलंका ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी की थी और 6 विकेट पर 274 रन बनाए थे. श्रीलंका की ओर से महेला जयवर्धने ने शतक लगाया था. जवाब में भारत ने 4 विकेट खोकर ही जीत का लक्ष्य हासिल कर लिया था. भारत की तरफ से गौतम गंभीर ने सबसे अधिक 97 रन बनाए थे. वहीं, धोनी ने भी 79 गेंद में 91 रन की कप्तानी पारी खेली थी. उन्होंने आखिरी गेंद पर छक्का जड़कर भारत को ऐतिहासिक जीत दिलाई थी.