भारत की टेस्ट टीम में नई शुरुआत – करुण नायर की वापसी और सरफराज की अनदेखी

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Sarfaraz Khan

भारतीय टेस्ट क्रिकेट एक दिलचस्प मोड़ पर है। रोहित शर्मा और विराट कोहली जैसे दिग्गजों के संन्यास के बाद एक नया युग शुरू हुआ है। शुभमन गिल को टेस्ट कप्तानी सौंपी गई है और ऋषभ पंत को उपकप्तान बनाया गया है। यह बदलाव जहां उत्साह भरते हैं, वहीं कुछ फैसलों ने बहस भी छेड़ दी है। खासकर दो नाम—करुण नायर की वापसी और सरफराज खान की एक और अनदेखी।

दूसरा मौका

करुण नायर का नाम सुनते ही 2016 की वो पारी याद आती है जब उन्होंने इंग्लैंड के खिलाफ नाबाद 303 रन बनाकर इतिहास रचा था। वह वीरेंद्र सहवाग के बाद टेस्ट क्रिकेट में तिहरा शतक लगाने वाले सिर्फ दूसरे भारतीय बने थे। लेकिन उस ऊंचाई के बाद उनका ग्राफ गिरा और वे टीम से बाहर हो गए।

2016 के बाद से उन्होंने भारतीय टेस्ट टीम में कोई मैच नहीं खेला। 2022 में एक ट्वीट किया—”Dear cricket, give me another chance.” अब, लगभग आठ साल बाद, क्रिकेट ने उन्हें फिर से मौका दे दिया है। करुण के लिए यह वापसी सिर्फ खेल में नहीं, आत्मविश्वास में भी वापसी है।

प्रदर्शन का दम

करुण नायर ने वापसी का रास्ता घरेलू क्रिकेट के ज़रिए तैयार किया। रणजी ट्रॉफी और विजय हज़ारे ट्रॉफी में उनका प्रदर्शन स्थिर और भरोसेमंद रहा। हाल के सीज़न में उन्होंने रन बनाए और ये संकेत दिया कि वो अब ज्यादा जिम्मेदार और तकनीकी रूप से मज़बूत बल्लेबाज़ हैं।

चयनकर्ताओं ने उनके प्रदर्शन को अहमियत दी और इंग्लैंड के खिलाफ आगामी टेस्ट सीरीज़ के लिए उन्हें टीम में शामिल कर लिया।

तो फिर सरफराज क्यों नहीं?

सरफराज खान की अनदेखी एक रहस्य बन गई है। वो घरेलू क्रिकेट में सबसे ज्यादा रन बनाने वालों में से हैं और उनका फर्स्ट क्लास औसत 106.07 का है—जो किसी भी अंतरराष्ट्रीय स्तर के बल्लेबाज़ से कम नहीं। 2019 से अब तक उन्होंने 3500+ रन बना लिए हैं।

खिलाड़ीऔसत (2019 से)फर्स्ट क्लास रन
सरफराज खान106.073500+
करुण नायर~405922

फिर भी, उन्हें टेस्ट टीम में जगह नहीं मिली। ऑस्ट्रेलिया दौरे पर टीम में जरूर थे, लेकिन एक भी मैच नहीं खेला। उनके पिता नौशाद खान बार-बार चयन नीति पर सवाल उठाते रहे हैं। अब सवाल यह है कि आखिर इतने बेहतरीन आंकड़ों के बावजूद उन्हें क्यों अनदेखा किया जा रहा है?

टीम में बदलाव और संकेत

इस नई टेस्ट टीम में कई बड़े बदलाव हुए हैं:

  • मोहम्मद शमी को टीम से बाहर किया गया है।
  • करुण नायर की आठ साल बाद वापसी हुई है।
  • साई सुदर्शन को पहली बार टेस्ट टीम में चुना गया है।
  • सरफराज खान को फिर मौका नहीं मिला।

ये बदलाव दर्शाते हैं कि टीम प्रबंधन भविष्य की सोच के साथ आगे बढ़ रहा है, लेकिन चयन की पारदर्शिता और निष्पक्षता पर सवाल उठते हैं। क्या प्रदर्शन के दम पर हर खिलाड़ी को बराबर मौका मिल रहा है?

आगे की राह

करुण नायर के पास यह शानदार अवसर है कि वे अपनी दूसरी पारी को यादगार बनाएं। अगर वे सफल होते हैं, तो वह भारत की मिडिल ऑर्डर को मजबूती दे सकते हैं। वहीं सरफराज खान को अभी और इंतज़ार करना पड़ेगा, लेकिन उम्मीद कायम है।

भारतीय क्रिकेट में प्रतिभा की कोई कमी नहीं है, लेकिन चयन की नीति जितनी पारदर्शी और निष्पक्ष होगी, उतना ही ये खेल और खिलाड़ी आगे बढ़ेंगे। अब देखना यह है कि करुण का दूसरा मौका टीम इंडिया को कितना फायदा पहुंचाता है और सरफराज का सपना कब हकीकत बनता है।

FAQs

करुण नायर को कितने साल बाद टीम में मौका मिला?

लगभग 8 साल बाद।

सरफराज खान का फर्स्ट क्लास औसत क्या है?

106.07 (2019 से)।

करुण नायर ने तिहरा शतक कब जड़ा था?

2016 में इंग्लैंड के खिलाफ।

सरफराज को ऑस्ट्रेलिया दौरे में क्यों नहीं खिलाया गया?

चयनकर्ताओं ने मौका नहीं दिया।

नए टेस्ट कप्तान कौन हैं?

शुभमन गिल।

Ehtesham Arif

I’m Ehtesham Arif, lead cricket analyst at Kricket Wala with over 3 years of experience in cricket journalism. I’m passionate about bringing you reliable match analysis and the latest updates from the world of cricket. My favorite team is India, and in the IPL, I support Delhi Capitals.

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