भारतीय कप्तान शुभमन गिल ने आखिरकार ओवल पिच विवाद पर अपनी बात रखी है। उन्होंने साफ कहा कि टीम इंडिया को कभी नहीं बताया गया था कि पिच से 2.5 मीटर दूर रहना है।
गंभीर-क्यूरेटर बहस
गंभीर और ओवल के चीफ क्यूरेटर ली फॉर्टिस के बीच तीखी बहस का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था। उस समय बल्लेबाजी कोच सित्वांशु कोटक भी मौजूद थे।
विवाद की वजह
भारतीय कोचिंग स्टाफ पिच का मुआयना कर रहा था, तभी ग्राउंड स्टाफ ने उन्हें पीछे हटने को कहा। इस पर गंभीर भड़क गए और बोले, “तुम हमें नहीं बताओगे कि क्या करना है।” फॉर्टिस ने शिकायत करने की धमकी दी।
गिल का रुख
गिल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, “जब तक हम रबर स्पाइक्स या नंगे पांव हैं, पिच के पास जाने में कोई दिक्कत नहीं होनी चाहिए। हमें चार टेस्ट में किसी भी मैदान पर ऐसा निर्देश नहीं मिला।”
पहली बार ऐसा हुआ
गिल ने कहा कि वह दो महीने से इंग्लैंड में हैं और पहली बार किसी क्यूरेटर ने ऐसा रोका है। “हमने कई देशों में क्रिकेट खेला है, कभी किसी ने नहीं कहा कि पिच से दूर रहो।”
क्यूरेटर की पृष्ठभूमि
ली फॉर्टिस 2012 से ओवल के हेड ग्राउंड्समैन हैं और उन्हें लगातार तीन बार बेस्ट मल्टी-डे पिच अवॉर्ड मिल चुका है। लेकिन इस घटना के बाद उनकी भूमिका पर सवाल उठे हैं।
टीम का रुख साफ
गिल की प्रतिक्रिया से साफ है कि टीम इंडिया का नियम तोड़ने का कोई इरादा नहीं था। कोच और कप्तान का पिच निरीक्षण एक सामान्य प्रक्रिया है और उसे इतना बड़ा मुद्दा नहीं बनाना चाहिए था।
आगे क्या?
अब सबकी निगाहें इस पर होंगी कि मैच रेफरी इस पूरे मामले में क्या रुख अपनाते हैं। भारत के लिए ये विवाद मैच से पहले ध्यान भटकाने वाला नहीं, बल्कि एक छोटी सी गलतफहमी है।
FAQs
गंभीर और क्यूरेटर में बहस क्यों हुई?
पिच निरीक्षण को लेकर दूरी बनाए रखने पर विवाद हुआ।
शुभमन गिल ने क्या कहा?
गिल ने कहा कि पिच देखने से रोकना अनावश्यक था।
क्या टीम को कोई निर्देश दिए गए थे?
नहीं, टीम को कोई आधिकारिक निर्देश नहीं दिए गए थे।
क्या पिच के पास जाना आम बात है?
हां, कोच और कप्तान अकसर ऐसा करते हैं।
ली फॉर्टिस कौन हैं?
ओवल ग्राउंड के हेड पिच क्यूरेटर हैं।











