भारत के पूर्व दिग्गज बल्लेबाज सुनील गावस्कर ने सीनियर भारतीय खिलाड़ियों के अंतरराष्ट्रीय मैचों के लिए आराम मिलने पर सवाल उठाया है। उनका कहना है कि खिलाड़ी अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के लिए तो आराम मांग लेते है परंतु आईपीएल के दौरान वह आराम क्यों नहीं मांगते? पिछले कुछ महीनों में भारत के सीनियर खिलाड़ी विराट कोहली, रोहित शर्मा और जसप्रीत बुमराह को कई सीरीज के लिए आराम दिया जा रहा है। तो ऐसे में बीसीसीआई की चयन नीति पर कई सवाल उठ रहे है।
हाल ही में वेस्ट इंडीज के खिलाफ दौरे के लिए भारतीय टीम का चयन किया गया। जिसमे एक बार फिर भारत के सीनियर खिलाड़ियों को आराम दिया गया। इस पर बीसीसीआई का कहना है कि उन्होंने खिलाड़ियों के वर्कलोड को कम किया है। परंतु गावस्कर का कहना है कि 20-20 ओवर के मैच आपके शरीर पर ज्यादा प्रभाव नहीं डालते हैं।
भारत के लिए खेलने के समय ही आराम क्यों: गावस्कर
सुनील गावस्कर ने स्पोर्ट्स तक पर कहा, “जब खिलाड़ी आईपीएल के समय रेस्ट नहीं लेते हैं, तो भारत के लिए खेलने के समय ऐसा क्यों होता है? उन्होंने कहा, “देखिए मैं (भारत के मैचों के दौरान) आराम करने की खिलाड़ियों की सोच से सहमत नहीं हूं। आप भारत के लिए खेल रहे हैं। आप आईपीएल के दौरान आराम नहीं करते। लेकिन, भारत के लिए खेलते हुए आराम करते हैं। मैं इससे सहमत नहीं हूं आपको भारत के लिए खेलना होगा आराम की बात मत करो। टी20 में एक पारी में केवल 20 ओवर होते हैं। इससे आपके शरीर पर कोई असर नहीं पड़ता है। टेस्ट मैच में दिमाग और शरीर पर असर पड़ता है, लेकिन टी20 क्रिकेट में (खेलने में) ज्यादा दिक्कत नहीं होती है।”
इस नीति पर गावस्कर ने सुझाव दिया कि बीसीसीआई को खिलाड़ियों को आराम देने की अपनी रणनीति पर काम करना चाहिए, क्योंकि उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि जिन खिलाड़ियों को ग्रेड ए श्रेणी में रखा जाता है, उन्हें अच्छा पैसा मिलता है। गावस्कर चाहते हैं कि बीसीसीआई और अधिक पेशेवर बन जाए, क्योंकि उनका मानना है कि जो क्रिकेटर नियमित अंतराल पर आराम करना चाहते हैं उनका ग्रेड कम कर देना चाहिए।
गावस्कर ने कहा, “मुझे ईमानदारी से लगता है कि BCCI को रेस्ट देने के कॉन्सेप्ट को देखने की जरूरत है। सभी ग्रेड ए क्रिकेटरों को बहुत अच्छे अनुबंध मिले हैं। वे हर मैच के लिए भुगतान प्राप्त करते हैं। मुझे बताएं कि क्या कोई कंपनी है जिसका सीईओ, या एमडी को इतने समय का आराम मिलता है? मुझे लगता है कि अगर भारतीय क्रिकेट को अधिक पेशेवर बनना है, तो एक लाइन को तैयार करने की आवश्यकता है।”