भारतीय टेस्ट टीम इस वक्त एक बड़े बदलाव के दौर से गुजर रही है। Virat Kohli, Rohit Sharma और Ravichandran Ashwin जैसे दिग्गजों के संन्यास के बाद टीम का संतुलन अचानक कमजोर नजर आने लगा है। वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप में बने रहने के लिए भारत को अब नए समाधान तलाशने पड़ रहे हैं।
उथप्पा की राय
इसी बीच पूर्व भारतीय क्रिकेटर Robin Uthappa ने एक दिलचस्प सुझाव दिया है। उनका मानना है कि अगर Hardik Pandya टेस्ट क्रिकेट में वापसी करते हैं, तो यह टीम इंडिया के लिए बेहद फायदेमंद हो सकता है।
नंबर 7 का रोल
उथप्पा के मुताबिक हार्दिक पांड्या टेस्ट टीम में नंबर 7 पर आदर्श विकल्प हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि मौजूदा फिटनेस को देखते हुए हार्दिक 12 से 15 ओवर आराम से गेंदबाज़ी कर सकते हैं। इससे टीम को एक ऐसा फास्ट-बॉलिंग ऑलराउंडर मिलेगा, जो बल्लेबाज़ी और गेंदबाज़ी दोनों में संतुलन ला सके।
खुद पर निर्भर फैसला
उथप्पा ने यह भी साफ किया कि हार्दिक की टेस्ट वापसी पूरी तरह उनकी इच्छा पर निर्भर करेगी। अगर वह खुद टेस्ट क्रिकेट खेलना चाहें, तो BCCI उन्हें रोकने वाली नहीं है। मामला सिर्फ फिटनेस और मानसिक तैयारी का है।
छोटा टेस्ट करियर
हार्दिक पांड्या ने 2017 में टेस्ट डेब्यू किया था और अब तक सिर्फ 11 टेस्ट मैच खेले हैं। उनका आखिरी टेस्ट 2018 में था। पीठ की गंभीर चोट और बार-बार की इंजरी ने उन्हें लंबे फॉर्मेट से दूर कर दिया, जिसके बाद उन्होंने अपना पूरा फोकस व्हाइट-बॉल क्रिकेट पर लगा दिया।
मौजूदा ज़रूरत
लेकिन हालात अब बदल चुके हैं। भारतीय टेस्ट टीम को एक ऐसे खिलाड़ी की ज़रूरत है, जो तेज़ गेंदबाज़ी के साथ उपयोगी बल्लेबाज़ी भी दे सके। हार्दिक इस प्रोफाइल में बिल्कुल फिट बैठते हैं, खासकर तब जब वह इस वक्त अच्छी फॉर्म और फिटनेस में हैं।
WTC की भूख
उथप्पा ने एक और अहम बात उठाई। उनका कहना है कि हार्दिक पांड्या पहले ही कई ICC ट्रॉफियां जीत चुके हैं, जिनमें एशिया कप और T20 वर्ल्ड कप शामिल हैं। अगर वह टेस्ट क्रिकेट में लौटकर भारत को WTC ट्रॉफी दिलाते हैं, तो यह उनके करियर का सबसे बड़ा मुकाम हो सकता है।
ग्रैंड स्लैम सपना
उथप्पा के शब्दों में, अगर हार्दिक WTC जीतते हैं तो वह एक तरह से ICC ग्रैंड स्लैम पूरा कर लेंगे। ऐसे में कोई भी खिलाड़ी इस चुनौती को ठुकराना नहीं चाहेगा। यह बात हार्दिक के लिए भी एक बड़ी प्रेरणा बन सकती है।
टीम पर दबाव
हाल ही में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ टेस्ट सीरीज़ हारने के बाद टीम मैनेजमेंट पर भी सवाल उठे हैं। कप्तान Shubman Gill और कोच Gautam Gambhir पर यह दबाव है कि टीम को सही दिशा कैसे दी जाए।
संभावित समाधान
ऐसे माहौल में हार्दिक पांड्या जैसे अनुभवी और मैच विनर ऑलराउंडर की मौजूदगी टीम को तुरंत मजबूती दे सकती है। वह ड्रेसिंग रूम में अनुभव भी लाएंगे और मैदान पर बैलेंस भी।
फिलहाल BCCI हार्दिक के वर्कलोड को लेकर बेहद सतर्क है और उन्हें सिर्फ व्हाइट-बॉल क्रिकेट तक सीमित रखा गया है। लेकिन अगर WTC ट्रॉफी की चाह उन्हें टेस्ट क्रिकेट की ओर वापस खींचती है, तो यह भारतीय टेस्ट टीम के लिए एक बड़ा टर्निंग पॉइंट साबित हो सकता है।
FAQs
हार्दिक पांड्या ने आखिरी टेस्ट कब खेला?
2018 में, इंग्लैंड के खिलाफ।
कितने टेस्ट मैच खेल चुके हैं हार्दिक पांड्या?
अब तक 11 टेस्ट मैच खेले हैं।
क्या हार्दिक फिट हैं टेस्ट के लिए?
रॉबिन उथप्पा के अनुसार, हां।
हार्दिक ने कौन-कौन सी ICC ट्रॉफी जीती है?
एशिया कप और T20 वर्ल्ड कप।
क्या BCCI हार्दिक को टेस्ट में मौका देगा?
अगर वो वापसी करना चाहें, तो मना नहीं करेगी।











