ऋषभ पंत की मैनचेस्टर टेस्ट में चोट के बावजूद खेली गई 54 रन की पारी को क्रिकेट जगत से तारीफ मिली थी, लेकिन अब पूर्व इंग्लैंड क्रिकेटर डेविड लॉयड के बयान ने इस पर विवाद खड़ा कर दिया है।
नाटकीय बना रहे थे — लॉयड
लॉयड ने एक इंटरव्यू में कहा कि पंत की एंट्री ज़्यादा ‘ड्रामा’ जैसी लगी। उन्होंने कहा, “लिजेंड्स लॉन्ज में बैठे कई लोगों को लगा कि पंत चोट को बढ़ा-चढ़ाकर दिखा रहे थे। कुछ ने तो ये तक कहा कि उन्हें टाइम आउट कर देना चाहिए था।”
क्या वाकई ओवरड्रामैटिक थे पंत?
बता दें, पंत को क्रिस वोक्स की यॉर्कर पर दाहिने पैर के अंगूठे में फ्रैक्चर हुआ था। स्कैन के बाद डॉक्टरों ने उन्हें कीपिंग से रोका, लेकिन उन्होंने अगली सुबह मैदान पर उतरकर 54 रनों की जुझारू पारी खेली, जो भारत की पारी को बचाने में अहम रही।
लॉयड की अपनी तुलना
लॉयड ने खुद के अनुभव बताते हुए कहा कि उन्होंने टूटी उंगली के साथ बल्लेबाज़ी की थी, लेकिन गाल की हड्डी टूटने जैसी गंभीर चोट में नहीं खेल पाए। उन्होंने पंत की तुलना अपनी पुरानी चोटों से करते हुए उन्हें ‘थोड़ा ओवर’ बता दिया।
रनर्स और सब्स्टीट्यूट पर बयान
लॉयड ने इस बहस को टेस्ट क्रिकेट में सब्स्टीट्यूट और रनर्स की नीति तक खींचते हुए कहा कि अगर चोट गंभीर है और खिलाड़ी हफ्तों तक फिट नहीं हो सकता, तो ‘लाइक-फॉर-लाइक’ सब्स्टीट्यूट मिलना चाहिए। लेकिन ये सुविधा दुरुपयोग नहीं होनी चाहिए।
फैंस और विशेषज्ञों की राय बंटी हुई
एक तरफ पंत के जज़्बे को ‘स्पिरिट ऑफ क्रिकेट’ की मिसाल माना जा रहा है, वहीं लॉयड की राय अब आलोचना और बहस का कारण बन गई है। सोशल मीडिया पर भी लोग दो खेमों में बंट गए हैं — कुछ लोग लॉयड की ईमानदारी की तारीफ कर रहे हैं, तो कुछ इसे भारत-विरोधी पूर्वग्रह बता रहे हैं।
अब क्या?
ये बयान ऐसे समय में आया है जब पंत सीरीज़ से बाहर हो सकते हैं और टीम एक नए विकेटकीपर की तलाश में है। लॉयड का बयान सिर्फ एक चोट पर राय नहीं, बल्कि क्रिकेट के ‘जज़्बे बनाम नाटक’ की पुरानी बहस को फिर से जिंदा कर रहा है।
FAQs
ऋषभ पंत को किस गेंद पर चोट लगी?
क्रिस वोक्स की यॉर्कर पर रिवर्स स्वीप करते वक्त।
डेविड लॉयड ने क्या कहा?
उन्होंने कहा पंत अपनी चोट को बढ़ा-चढ़ाकर दिखा रहे थे।
क्या पंत ने दोबारा बल्लेबाज़ी की?
हाँ, उन्होंने अगले दिन 54 रन की पारी खेली।
लॉयड की सब्स्टीट्यूट पर राय क्या है?
वो गंभीर चोट पर ‘लाइक-फॉर-लाइक’ सब्स्टीट्यूट के पक्ष में हैं।
क्या पंत को टाइम आउट किया जा सकता था?
लॉयड के मुताबिक कुछ लोगों ने ऐसा कहा, लेकिन ऐसा हुआ नहीं।











