गुवाहाटी टेस्ट में भारत को साउथ अफ्रीका ने 408 रन से हरा दिया। ये नतीजा सिर्फ एक हार नहीं, बल्कि भारत की टेस्ट इतिहास में रन के अंतर से सबसे बड़ी हार बन गया है। साथ ही दो मैचों की सीरीज में क्लीन स्वीप भी हुआ—0-2।
बड़ी हार का आंकड़ा
549 रन का लक्ष्य लगभग नामुमकिन था, और भारत की दूसरी पारी सिर्फ 140 रन पर सिमट गई। सिर्फ रविंद्र जडेजा कुछ लड़ाई दिखा सके, जिन्होंने 54 रन बनाए। बाकी बल्लेबाज़ों का प्रदर्शन बेहद निराशाजनक रहा।
रिकॉर्ड की नजर से
- 2025: बनाम साउथ अफ्रीका, गुवाहाटी – 408 रन से हार
- 2004: बनाम ऑस्ट्रेलिया, नागपुर – 342 रन
- 2006: बनाम पाकिस्तान, कराची – 341 रन
- 2007: बनाम ऑस्ट्रेलिया, मेलबर्न – 337 रन
अब गुवाहाटी की हार ने सभी पुराने रिकॉर्ड पीछे छोड़ दिए हैं।
मौके तो थे
पांचवें दिन भारत को दो अहम मौके मिले। साई सुदर्शन को यानसन की नो बॉल पर जीवनदान मिला, और कुलदीप यादव का कैच मार्करम ने छोड़ दिया। लेकिन भारत इन मौकों का फायदा नहीं उठा सका। सुदर्शन ने 139 गेंदों में सिर्फ 14 रन बनाए और कुलदीप सिर्फ 5 रन पर आउट हो गए।
गंभीर पर दबाव
गौतम गंभीर के कोच बनने के बाद यह भारत की लगातार दूसरी घरेलू टेस्ट सीरीज हार है। और चिंता की बात ये है कि टीम लगातार खराब स्कोर कर रही है।
- कोलकाता टेस्ट: 189 और 93
- गुवाहाटी टेस्ट: 201 और 140
सिर्फ एक पारी में ही टीम 200 रन पार कर पाई है, वो भी पहली पारी में।
पिच या मानसिकता?
कोलकाता की पिच को लेकर काफी बहस हुई, लेकिन गुवाहाटी की पिच बल्लेबाज़ी के लिए बेहतर थी। फिर भी नतीजा वही रहा। इसका मतलब साफ है कि दोष सिर्फ पिच का नहीं है—फैसले, आत्मविश्वास और टीम की मानसिक तैयारी भी उतनी ही बड़ी वजह है।
अब बदलाव ज़रूरी है
लगातार हार, खराब टॉप ऑर्डर और रणनीति में झोल ने भारत की टेस्ट टीम को सवालों के घेरे में ला खड़ा किया है। अनुभव की कमी, गलत शॉट सेलेक्शन और बॉलिंग में बिना प्लानिंग के फैसले अब भारी पड़ रहे हैं।
FAQs
भारत की सबसे बड़ी टेस्ट हार कब हुई?
2025 में साउथ अफ्रीका के खिलाफ गुवाहाटी में 408 रन से।
भारत की दूसरी पारी में सबसे ज्यादा रन किसने बनाए?
रविंद्र जडेजा ने 54 रन बनाए।
क्या भारत को मौके मिले थे?
हाँ, लेकिन साई और कुलदीप मौके का फायदा नहीं उठा सके।
सीरीज में भारत कितने मैच हारा?
दोनों टेस्ट हारे, सीरीज 0-2 से गंवाई।
भारत ने सीरीज में कितनी बार 200+ रन बनाए?
सिर्फ एक बार, गुवाहाटी की पहली पारी में।











