गंभीर की टीम ने भारत का घरेलू टेस्ट रिकॉर्ड बिना लड़े गंवा दिया – अब डर विदेशी टीमों का नहीं, भारत का है

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Gautam Gambhir

कभी भारत में टेस्ट जीतना विदेशी टीमों का सपना हुआ करता था। ऑस्ट्रेलिया के स्टीव वॉ ने इसे “The Final Frontier” कहा था। लेकिन अब वही सपना विरोधी टीमों के लिए हकीकत बन गया है—और वो भी बिना खास संघर्ष के। पहले न्यूज़ीलैंड ने भारत को 3-0 से हराया, अब साउथ अफ्रीका ने बिना अपने स्टार खिलाड़ियों के 2-0 से क्लीन स्वीप कर लिया।

भारत ने न सिर्फ टेस्ट गंवाए, बल्कि घरेलू क्रिकेट की अपनी सबसे बड़ी पहचान भी बिना लड़े खो दी।

गुवाहाटी की शर्मनाक हार

408 रन की हार ने भारत की टेस्ट इतिहास में सबसे बड़ी हार का रिकॉर्ड बना दिया। कोलकाता में पहले ही तीन दिन में मैच हारने के बाद गुवाहाटी की यह हार और ज़्यादा शर्मनाक बन गई, खासकर तब जब साउथ अफ्रीकी कोच ने मैच के बाद कहा—“हम चाहते थे कि भारत grovel करे।”

और भारत की तरफ से जवाब आया—”अगर ड्रा कर लेते तो भी जीत जैसा होता।”

ये वही भारत है जहां एक दौर में पांचवें दिन तक विरोधी टीम खड़े रह जाए, यही बड़ी बात होती थी। अब खुद टीम इंडिया ड्रा की उम्मीद पर उतर रही है।

रणनीति का भटकाव

गौतम गंभीर के कोचिंग में भारत की रणनीति लगातार उलझी और असमंजस से भरी रही है। कोलकाता में चार स्पिनर्स खिलाने और टर्निंग पिच बनवाने का फैसला उल्टा पड़ गया। पिच ऐसी बनी कि खुद की बल्लेबाज़ी ही ढह गई। राहुल द्रविड़ जैसे कोच पिच और संयोजन को लेकर बेहद सावधान रहते थे—गंभीर का अब तक वैसा संतुलन नज़र नहीं आया।

ऐसा लग रहा है जैसे कोलकाता मैच को गंभीर ने प्रयोगशाला बना दिया हो।

चयन में भी गड़बड़ी

कोलकाता में अच्छी पारी खेलने वाले अक्षर पटेल को अगले टेस्ट में बाहर कर दिया गया और चोट से जूझते नितीश रेड्डी को मौका मिला। वहीं स्पिन के खिलाफ मजबूत माने जाने वाले साई सुदर्शन को बाहर बैठाया गया।

जिन खिलाड़ियों को बार-बार मौका दिया जा रहा है, जैसे जुरेल या रेड्डी—उनका प्रदर्शन अब तक ये नहीं बताता कि वे टेस्ट क्रिकेट के लिए तैयार हैं।

टेक्निकल खामियां और कोच की चुप्पी

जब खिलाड़ी लगातार टेक्निकल गलतियां कर रहे हैं—केएल राहुल बिना फुटवर्क के आउट हो रहे हैं, जायसवाल बार-बार वही कट शॉट खेलकर फंस रहे हैं, और पंत का हर बार गैरजिम्मेदार स्लॉग आ रहा है—तो कोच की भूमिका और भी अहम हो जाती है।

ऐसे में क्या रेड्डी को कोई नहीं बता सकता था कि जब बाउंसर ट्रैप हो तो बल्ला उस दिशा में क्यों नहीं ले जाना चाहिए?

गंभीर की जिद बनाम टीम का नुकसान

गंभीर आत्मविश्वासी हैं, लेकिन कई बार उनका ये आत्मविश्वास जिद में बदल जाता है। और जब यह जिद टीम चयन, पिच प्लानिंग और रणनीति में दिखने लगे, तो नुकसान पूरे देश को झेलना पड़ता है।

ट्रांजिशन एक बहाना?

टीम ट्रांजिशन में है—ये बात सही हो सकती है। लेकिन बेसिक क्रिकेट समझ की कमी, लगातार गलत फैसले और अनुभवी खिलाड़ियों की अनदेखी को ट्रांजिशन कहकर नहीं छिपाया जा सकता।

मुथुसामी और यानसन जैसे प्लेयर आकर भारत में मैच जिता रहे हैं, जबकि हमारी टीम अपनी ही कंडीशन में लड़खड़ा रही है।

डर का सपना अब भारत का

कभी विदेशी खिलाड़ी भारत में खेलने से डरते थे, अब वही डर भारत के अपने ड्रेसिंग रूम में बैठा है। टीम इंडिया को अब सिर्फ खिलाड़ियों में नहीं, सोच में भी बदलाव की ज़रूरत है।

FAQs

भारत की सबसे बड़ी टेस्ट हार किसके खिलाफ है?

साउथ अफ्रीका के खिलाफ 408 रन से गुवाहाटी में।

गंभीर की सबसे बड़ी रणनीतिक गलती क्या रही?

कोलकाता में चार स्पिनर्स खिलाना और गलत पिच चुनना।

क्या टीम ट्रांजिशन में है?

हां, लेकिन रणनीतिक फैसले और चयन भी गलत रहे।

साई सुदर्शन और अक्षर को क्यों हटाया गया?

कारण स्पष्ट नहीं, लेकिन चयन नीति सवालों में है।

क्या गंभीर कोच के रूप में फेल हुए हैं?

अब तक के टेस्ट रिकॉर्ड और फैसले इस ओर इशारा करते हैं।

Ehtesham Arif

I’m Ehtesham Arif, lead cricket analyst at Kricket Wala with over 3 years of experience in cricket journalism. I’m passionate about bringing you reliable match analysis and the latest updates from the world of cricket. My favorite team is India, and in the IPL, I support Delhi Capitals.

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