भारतीय प्रशासित कश्मीर में शुरू हुई इंडियन हेवन प्रीमियर लीग (IHPL) अब एक बड़े विवाद का हिस्सा बन चुकी है। जिस टूर्नामेंट की शुरुआत इंटरनेशनल स्टार्स और बड़े-बड़े वादों के साथ हुई थी, वही कुछ ही दिनों में बिखरता हुआ नज़र आया — खिलाड़ी फंस गए, होटल बिल नहीं चुकाए गए, और आयोजक चुपचाप भाग निकले।
कौन थे आयोजक
25 अक्टूबर को शुरू हुई इस लीग का आयोजन ‘युवा सोसायटी’ नाम के एक NGO ने किया था, जो पंजाब से जुड़ी हुई है। टूर्नामेंट में वेस्टइंडीज के बड़े नाम — क्रिस गेल और डेवोन स्मिथ जैसे खिलाड़ी भी आए थे। इससे लगा कि शायद कश्मीर के लोकल खिलाड़ियों को कुछ सीखने और दिखाने का मौका मिलेगा।
वादे और हकीकत
आयोजकों ने दावा किया था कि हर मैच में 25,000 से 30,000 दर्शक आएंगे। टीवी पर लाइव टेलिकास्ट की बातें हुईं और पूरे जम्मू-कश्मीर व लद्दाख से खिलाड़ियों को बुलाया गया। लेकिन मैदान में मुश्किल से 400-500 लोग ही दिखे। सपना कुछ और था, सच्चाई कुछ और निकली।
अचानक गायब
सिर्फ 12 मैच होने के बाद, 1 नवंबर की रात को आयोजक बिना किसी जानकारी के गायब हो गए। होटल बिल्स बकाया रह गए और खिलाड़ियों को बिना पेमेंट के छोड़ दिया गया। होटल वालों ने बताया कि सीसीटीवी फुटेज में देखा गया कि आयोजक आधी रात को चुपचाप निकल गए।
खिलाड़ियों का गुस्सा
पूर्व भारतीय क्रिकेटर परवेज़ रसूल ने इसे “बहुत ही शर्मनाक” घटना बताया। उन्होंने कहा कि उन्हें भी अब तक पैसे नहीं मिले। तेज़ गेंदबाज़ आबिद नबी ने भी कहा कि यह एक बड़ा मौका था, लेकिन आयोजकों की बदइंतज़ामी ने सबकुछ खराब कर दिया।
होटल का बकाया
श्रीनगर के रेडिसन कलेक्शन होटल के एक अधिकारी ने नाम न बताने की शर्त पर बताया कि आयोजकों ने भुगतान अधूरा छोड़ा है। बार-बार फोन करने के बावजूद कोई जवाब नहीं मिल रहा।
अंपायर की गवाही
इंग्लैंड की अंपायर मेलिसा जुनिपर ने कहा कि करीब 40 खिलाड़ी होटल में फंसे हुए थे। तीन घंटे तक उन्हें होटल की लॉबी में बैठना पड़ा। उन्होंने दावा किया कि करीब ₹50 लाख की रकम अब भी बकाया है।
प्रशासन की दूरी
कश्मीर प्रशासन ने खुद को इस आयोजन से अलग बताया। डिविजनल कमिश्नर अंशुल गर्ग ने साफ किया कि सरकार की भूमिका सिर्फ इवेंट को मंज़ूरी देने तक सीमित थी, लेकिन अब मामले की जांच की जाएगी।
लोगों का भरोसा टूटा
स्थानीय निवासी ताहिर हुसैन ने कहा, “क्रिस गेल जैसे खिलाड़ी को बुलाकर ऐसे भाग जाना, ये सिर्फ धोखा नहीं, पूरे इलाके की इमेज को नुकसान है।” लोगों को अब प्राइवेट टूर्नामेंट्स पर भरोसा नहीं रहा।
कड़वा सबक
IHPL की ये कहानी एक बड़ा सबक है कि बिना सही प्लानिंग और जवाबदेही के कोई भी इवेंट सिर्फ दिखावा बनकर रह जाता है। ये भी सवाल उठाता है कि इतनी बड़ी लीग बिना वित्तीय गारंटी और सरकारी निगरानी के कैसे पास हो गई?
FAQs
IHPL लीग कब शुरू हुई थी?
IHPL लीग 25 अक्टूबर को शुरू हुई थी।
आयोजक कब और कैसे भागे?
आयोजक 1 नवंबर की रात चुपचाप कश्मीर से भाग गए।
कितने खिलाड़ियों का भुगतान बाकी है?
करीब 40 खिलाड़ियों को अब भी ₹50 लाख नहीं मिले हैं।
लीग में कौन से स्टार खिलाड़ी थे?
क्रिस गेल और डेवोन स्मिथ जैसे अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी शामिल थे।
प्रशासन ने क्या भूमिका निभाई?
प्रशासन ने सिर्फ आयोजन की अनुमति दी थी।











