पृथ्वी शॉ ने मंगलवार को चेन्नई में खेले गए बुखी बाबू टूर्नामेंट 2025 में महाराष्ट्र के लिए डेब्यू करते हुए छत्तीसगढ़ के खिलाफ 122 गेंदों पर 100 रन बनाए। इस पारी में 14 चौके और 1 छक्का शामिल था।
नई शुरुआत
मुंबई छोड़कर महाराष्ट्र जाना शॉ के लिए बड़ा फैसला था। हाल के वर्षों में फॉर्म और फिटनेस की समस्याओं के कारण वह रणजी और विजय हजारे जैसी टूर्नामेंट्स से बाहर रहे। यहां तक कि आईपीएल 2024 की नीलामी में भी उन्हें कोई खरीदार नहीं मिला।
पहली साझेदारी
सचिन धस के साथ मिलकर शॉ ने पहले विकेट के लिए 71 रन जोड़े। लेकिन इसके बाद महाराष्ट्र ने तेजी से चार विकेट गंवा दिए, जिसमें रुतुराज गायकवाड़ और अंकित बावने जैसे अहम बल्लेबाज़ शामिल थे।
संभली पारी
टीम संकट में थी, तभी शॉ ने सिद्धार्थ म्हात्रे के साथ पांचवें विकेट के लिए 57 रन जोड़े। इस साझेदारी ने टीम को स्थिरता दी और मैच को संतुलन में लाया।
संघर्ष और वापसी
जुलाई 2021 के बाद से शॉ भारत के लिए नहीं खेले हैं। चोट, खराब फॉर्म और चयनकर्ताओं के भरोसे की कमी ने उनका रास्ता मुश्किल बनाया। आईपीएल में भी वह असफल रहे, लेकिन इस शतक ने साबित किया कि उनकी क्लास अब भी बरकरार है।
भविष्य की उम्मीद
अगर शॉ लगातार अच्छा प्रदर्शन करते हैं, तो टीम इंडिया में उनकी वापसी संभव है। घरेलू क्रिकेट में ऐसा प्रदर्शन चयनकर्ताओं का ध्यान खींच सकता है और उनके करियर को नई दिशा दे सकता है।










