एजबेस्टन टेस्ट में दो शतक जड़ने के बाद भी शुभमन गिल ने सबसे पहले गेंदबाज़ों की बात की। उनका साफ कहना था कि अगर गेंदबाज़ों को पिच या गेंद से मदद नहीं मिले, तो टेस्ट क्रिकेट अपना असली रूप खो देता है।
20 ओवर बाद गेंद बेअसर हो जाती है
गिल ने बताया कि ड्यूक गेंद बहुत जल्दी नरम हो जाती है और उससे ना स्विंग मिलता है, ना सीम मूवमेंट। ऐसे में गेंदबाज़ों के लिए विकेट निकालना बेहद मुश्किल हो जाता है और टीम को रक्षात्मक मोड में जाना पड़ता है।
टीम पहले, खुद बाद में
बतौर कप्तान गिल ने खुद को उदाहरण के तौर पर पेश किया। उन्होंने कहा कि उनका मकसद था टीम को मज़बूत स्थिति में लाना, भले ही उन्हें इसके लिए लंबा खेलना पड़े। गिल ने कहा कि अगर एक अच्छी गेंद पर आउट भी हो जाऊं, तो भी टीम को स्थिरता मिलनी चाहिए।
वॉशिंगटन सुंदर का चयन क्यों?
गिल से जब पूछा गया कि कुलदीप यादव को क्यों नहीं खिलाया गया, तो उन्होंने साफ कहा कि टीम को निचले क्रम में बैटिंग डेप्थ की ज़रूरत थी। वॉशिंगटन सुंदर ने वही योगदान दिया जिसकी टीम को ज़रूरत थी।
भारत में टेस्ट जल्दी खत्म होते हैं
गिल ने बताया कि भारत में ज़्यादातर टेस्ट 3-4 दिन में खत्म हो जाते हैं, लेकिन इंग्लैंड में लंबा खेलना पड़ता है। इस सीरीज़ में भारत ज़्यादातर समय बल्लेबाज़ी कर रहा है, जो टीम के स्थायित्व का संकेत है।
गेंदबाज़ों की जमकर तारीफ
मोहम्मद सिराज और आकाश दीप की परफॉर्मेंस पर गिल ने कहा कि ये दोनों बिना बुमराह के 17 विकेट लेकर आए, जो अविश्वसनीय है। उन्होंने कहा कि हमारी टीम का कोई भी गेंदबाज़ी संयोजन दुनिया में कहीं भी 20 विकेट निकाल सकता है।
गिल की कप्तानी ने दिखाई नई सोच
इस इंटरव्यू से साफ दिखता है कि शुभमन गिल सिर्फ रन मशीन नहीं हैं, बल्कि एक ऐसे कप्तान हैं जो टेस्ट क्रिकेट की असली ज़रूरतों को समझते हैं। बैलेंस, धैर्य और आक्रामकता – सब कुछ उनकी कप्तानी में नज़र आ रहा है।
FAQs
गिल ने किस गेंद की आलोचना की?
उन्होंने ड्यूक गेंद को जल्दी नरम होने के लिए दोषी बताया।
शुभमन गिल ने कुल कितने रन बनाए?
गिल ने मैच में 430 रन बनाए (269 और 161)।
भारत के किस गेंदबाज़ ने सबसे ज्यादा विकेट लिए?
मोहम्मद सिराज और आकाश दीप ने मिलकर 17 विकेट लिए।
गिल ने किसे बल्लेबाजी गहराई के लिए टीम में लिया?
उन्होंने वॉशिंगटन सुंदर को चुना कुलदीप यादव की जगह।
गिल ने टेस्ट क्रिकेट के बारे में क्या कहा?
बिना गेंदबाज़ी मदद के टेस्ट क्रिकेट का मजा नहीं रहता।











