शुभमन गिल विराट कोहली नहीं हैं – मांजरेकर की टिप्पणी ने खड़ा किया कप्तानी पर सवाल

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Shubman Gill, Virat Kohli

भारत और इंग्लैंड के बीच लॉर्ड्स में खेले गए तीसरे टेस्ट का तीसरा दिन सिर्फ क्रिकेट के लिए नहीं, बल्कि एक तीखी बहस के लिए भी याद रखा जाएगा। भारत के कप्तान शुभमन गिल और इंग्लैंड के जैक क्रॉली के बीच हुई जुबानी झड़प के बाद अब सवाल यह उठने लगे हैं कि क्या शुभमन गिल अभी उस स्तर पर हैं जहां वो टेस्ट कप्तानी का दबाव संभाल सकें?

`बहस का असर पड़ा बल्लेबाज़ी पर?

तीसरे दिन जब इंग्लैंड की पारी खत्म हो रही थी, तो क्रॉली ने ओवर खत्म करने से पहले टाइम वेस्टिंग जैसा व्यवहार किया, जिससे गिल भड़क गए। अगली सुबह गिल बल्लेबाज़ी करने उतरे, लेकिन वे सिर्फ 6 रन बनाकर LBW आउट हो गए।

संजय मांजरेकर का मानना है कि इस बहस का सीधा असर उनकी बल्लेबाज़ी पर पड़ा।

कोहली बनाम गिल

मांजरेकर ने इस घटना पर टिप्पणी करते हुए कहा, “जब विराट कोहली इस तरह की टकराव वाली स्थिति में आते थे, तो उनका खेल और बेहतर हो जाता था। लेकिन शुभमन गिल उस तरह के खिलाड़ी नहीं हैं। उन्हें गुस्से से फोकस नहीं मिलता, बल्कि दबाव और बढ़ जाता है।”

मांजरेकर के अनुसार, गिल का फुटवर्क गड़बड़ाया, उनका आत्मविश्वास कम दिखा और वह सीरीज के बाकी मैचों के मुकाबले इस बार कमजोर नजर आए।

फॉर्म थी लेकिन मानसिक संतुलन नहीं?

गिल ने इस सीरीज में पहले ही दोहरा शतक, शतक और एक और बड़ी पारी खेली है। उनकी फॉर्म जबरदस्त रही है, लेकिन लॉर्ड्स टेस्ट की दूसरी पारी में उन्होंने कुछ साधारण गेंदों पर भी चूक की।

मांजरेकर ने कहा, “गिल ने 9 में से 4 गेंदें मिस कीं। यह उनके लिए असामान्य है। जाहिर है कि झगड़े का असर उनके माइंडसेट पर पड़ा।”

क्या गिल में कप्तानी का ‘फायर’ है?

मांजरेकर ने कहा कि विराट कोहली शुरू से ही टकराव में आगे रहते थे। “कोहली में आग बचपन से थी, गिल में यह नेचर नहीं दिखता। वो शांत स्वभाव के हैं। कप्तानी से आया आत्मविश्वास जरूरी है, लेकिन वह स्वाभाविक अग्रेसन जैसा नहीं होता।”

सीखने की जरूरत

यह साफ है कि गिल एक टैलेंटेड बल्लेबाज हैं, लेकिन बतौर कप्तान उन्हें और मानसिक रूप से तैयार होना होगा। टेस्ट क्रिकेट में केवल बल्ला चलाना काफी नहीं, वहां हर दिन रणनीति, माइंडगेम और प्रेशर से डील करना होता है।

शुभमन गिल की कप्तानी का सफर अभी शुरू हुआ है, और हर युवा कप्तान को समय मिलता है सीखने का। लेकिन मांजरेकर की टिप्पणी एक चेतावनी है कि अगर गिल को विराट की तरह टीम को प्रेरित करना है, तो उन्हें मैदान पर और ज्यादा मजबूत दिखना होगा—न सिर्फ शॉट्स से, बल्कि माइंडसेट से भी।

FAQs

गिल और क्रॉली के बीच क्या हुआ था?

गिल को लगा क्रॉली ने समय बर्बाद किया, जिस पर बहस हुई।

गिल का दूसरी पारी में प्रदर्शन कैसा रहा?

वो दबाव में आकर 6 रन पर LBW आउट हो गए।

मांजरेकर ने क्या तुलना की?

उन्होंने गिल की तुलना विराट कोहली से की और फर्क बताया।

क्या गिल मानसिक दबाव में आ गए थे?

मांजरेकर का मानना है कि बहस ने उनकी बैटिंग पर असर डाला।

क्या गिल के पास कोहली जैसी आक्रामकता है?

मांजरेकर के अनुसार, गिल में वैसी ‘फायर’ अभी तक नहीं दिखी।

Ehtesham Arif

I’m Ehtesham Arif, lead cricket analyst at Kricket Wala with over 3 years of experience in cricket journalism. I’m passionate about bringing you reliable match analysis and the latest updates from the world of cricket. My favorite team is India, and in the IPL, I support Delhi Capitals.

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