स्टीव वॉ की आंखों से भारत – क्रिकेट से रिश्ते की शुरुआत, अब समाजसेवा और कूटनीति तक

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Steve Waugh

भारत और ऑस्ट्रेलिया के रिश्तों की बात हो और क्रिकेट का ज़िक्र न हो, ऐसा हो ही नहीं सकता। इन दोनों देशों के बीच की दोस्ती की शुरुआत भले ही मैदान पर हुई हो, लेकिन अब ये रिश्ता उससे कहीं आगे निकल चुका है। इस रिश्ते को एक नई गहराई दी है ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान स्टीव वॉ ने, जिनका भारत से नाता सिर्फ खेल तक सीमित नहीं रहा।

पहला मैच

स्टीव वॉ का भारत से जुड़ाव बेहद खास है। उनका इंटरनेशनल डेब्यू भी भारत के खिलाफ हुआ और आखिरी मैच भी उन्होंने भारत के ही खिलाफ खेला। 1985 में मेलबर्न से शुरू हुआ ये सफर 2004 में सिडनी में खत्म हुआ, लेकिन उनके दिल में भारत की जगह आज भी बरकरार है।

सरकारी भूमिका

2023 में जब ऑस्ट्रेलिया सरकार ने ‘Centre for Australia India Relations’ की शुरुआत की, तो स्टीव वॉ को इसमें शामिल होने का ऑफर मिला और उन्होंने बिना देर किए इसे स्वीकार कर लिया।

भावनात्मक रिश्ता

वो भारत को अपना “दूसरा घर” मानते हैं। उनके लिए क्रिकेट इस रिश्ते की नींव जरूर रहा, लेकिन अब वे शिक्षा, खेल और स्टार्टअप्स जैसे क्षेत्रों में भी सहयोग करना चाहते हैं।

नई पहचान

स्टीव वॉ सिर्फ एक क्रिकेटर नहीं हैं। वो लेखक हैं, मेंटर हैं, फोटोग्राफर हैं और एक सफल बिजनेसमैन भी। उन्होंने अब तक 14 किताबें लिखी हैं, कई ओलंपिक और फुटबॉल टीमों को मेंटर किया है और कई नए स्टार्टअप्स में निवेश भी किया है।

मिशन सेवा

भारत के साथ उनका रिश्ता सिर्फ पेशेवर नहीं, बल्कि मानवीय भी है। एक बार कोलकाता में मदर टेरेसा से मिलने के बाद उनका नजरिया पूरी तरह बदल गया और उन्होंने ‘Steve Waugh Foundation’ की शुरुआत की।

भारत में बदलाव

भारत में आ रहे बदलावों से वे काफी प्रभावित हैं। ट्रैफिक से लेकर एयरपोर्ट्स तक — हर चीज़ में उन्हें तरक्की नज़र आती है।

फेवरेट खाना

जहां तक खाने-पीने की बात है, तो भिंडी, फिश करी और दाल उनकी फेवरेट डिश हैं। और भारत में देर रात तक खाने की परंपरा उन्हें खासा दिलचस्प लगती है।

पसंदीदा खिलाड़ी

कपिल देव उनके ऑल-टाइम फेवरेट इंडियन खिलाड़ी हैं, और हरभजन सिंह को वो सबसे खतरनाक स्पिनर मानते हैं।

यादगार जीत

उनकी सबसे यादगार जीत? 1987 का वर्ल्ड कप फाइनल — ईडन गार्डन में — जहां 1 लाख दर्शक ऑस्ट्रेलिया को सपोर्ट कर रहे थे।

भारत-पाक संबंध

जब उनसे पूछा गया कि क्या वे भारत-पाकिस्तान के क्रिकेट संबंधों को फिर से शुरू करने में मदद करना चाहेंगे, तो उन्होंने कहा — “बिलकुल! शायद आपसे बात करना ही इस दिशा में मेरा पहला कदम है।”

युवाओं को संदेश

नई पीढ़ी के लिए उनका मैसेज सीधा है — “फोन नीचे रखो, मैदान में जाओ, खेलो, हारो, सीखो। खेल सिर्फ जीतने के लिए नहीं होता, यह कुछ बड़ा बनाने का जरिया होता है।”

एक नई राह

क्रिकेट से शुरू हुआ यह रिश्ता अब शिक्षा, व्यापार, संस्कृति और समाजसेवा तक जा पहुंचा है। और स्टीव वॉ जैसे लोग इसे पूरे जुनून और निष्ठा के साथ आगे बढ़ा रहे हैं।

FAQs

स्टीव वॉ भारत कितनी बार आए हैं?

करीब 40-50 बार भारत आ चुके हैं।

CAIR क्या है?

Centre for Australia India Relations, एक सरकारी संगठन है।

स्टीव वॉ की पसंदीदा भारतीय डिश क्या है?

भिंडी, फिश करी और दाल उनकी पसंदीदा हैं।

स्टीव वॉ को सबसे खतरनाक गेंदबाज़ कौन लगता था?

हरभजन सिंह, खासकर 2001 की सीरीज़ में।

Steve Waugh Foundation क्या काम करती है?

कोढ़ पीड़ित बच्चों को शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाएं देती है।

Ehtesham Arif

I’m Ehtesham Arif, lead cricket analyst at Kricket Wala with over 3 years of experience in cricket journalism. I’m passionate about bringing you reliable match analysis and the latest updates from the world of cricket. My favorite team is India, and in the IPL, I support Delhi Capitals.

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