अगर कभी बात करनी हो तो कॉल करना – विराट कोहली की एक लाइन ने बदल दी हसीब हमीद की ज़िंदगी

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Haseeb Hameed

विराट कोहली की पहचान सिर्फ़ एक महान बल्लेबाज़ के तौर पर नहीं, बल्कि एक ऐसे इंसान के तौर पर भी है जो खेल से आगे बढ़कर दूसरे खिलाड़ियों के जीवन में सकारात्मक असर डालते हैं। यही बात तब सामने आई जब इंग्लैंड के बल्लेबाज़ हसीब हमीद ने 2016 की भारत सीरीज़ का एक किस्सा साझा किया — जो उनके लिए आज भी प्रेरणा का स्त्रोत है।

हसीब हमीद

2016 में भारत दौरे पर आए 19 साल के हसीब हमीद को उनकी तकनीक और धैर्यभरी बल्लेबाज़ी के लिए ‘बेबी बॉयकॉट’ कहा जाता था। उन्होंने राजकोट टेस्ट में शानदार 82 रन की पारी खेली और तीसरे टेस्ट में जब उनकी उंगली टूट गई, तब भी उन्होंने हार नहीं मानी। नंबर 8 पर उतरकर 59 रन बनाकर इंग्लैंड को पारी की हार से बचाया।

टेस्ट खत्म होने के बाद विराट कोहली खुद उनके पास आए और कहा, “अगर कभी बात करनी हो या किसी सलाह की ज़रूरत हो, तो कॉल करना।” कोहली ने अपना नंबर दिया और तब से लेकर आज तक वह हसीब के लिए एक मार्गदर्शक बने हुए हैं।

हसीब कहते हैं, “विराट सिर्फ दो मिनट की बातें नहीं करते। वो वक्त निकालते हैं, सुनते हैं, समझते हैं। उन्होंने जब-जब मेरी ज़रूरतों को समझा, तब-तब उन्होंने मेरी सोच को नया रास्ता दिया।”

उनका कहना है कि विराट कोहली की इंसानियत और विनम्रता ने उन्हें मुश्किल वक्त में टूटने से बचाया। खासतौर पर 2019 में जब लंकाशायर ने उन्हें रिलीज़ किया और फिर 2021-22 की एशेज में वो पूरी तरह फ्लॉप रहे, तब भी कोहली का साथ उनके लिए एक मानसिक सहारा बना रहा।

हसीब बताते हैं कि कोहली की बातें हमेशा सही वक्त पर आती हैं। वो सिर्फ एक क्रिकेटर नहीं, बल्कि एक सच्चे इंसान हैं, जो सामने वाले की परेशानियों को समझते हैं और बेझिझक मदद करते हैं।

करुण नायर

उन्होंने करुण नायर की कहानी को भी प्रेरणा का हिस्सा बताया। बेंगलुरु में ट्रेनिंग के दौरान हसीब को करुण के संघर्ष के बारे में पता चला — कैसे कर्नाटक से बाहर किए जाने के बाद उन्होंने विदर्भ के लिए खेला और इंग्लैंड में नॉर्थहैम्पटनशायर से काउंटी में सफलता हासिल की। ये सब उन्हें यही सिखाता है कि कभी हार नहीं माननी चाहिए।

आज हसीब हमीद नॉटिंघमशायर के कप्तान हैं और 2025 के सीज़न में नौ मैचों में 848 रन बना चुके हैं, औसत 70 से ऊपर है। पिछले सीज़न में भी उन्होंने 1,000 से ज़्यादा रन बनाए थे। अब वो इंग्लैंड टेस्ट टीम में वापसी की कगार पर हैं।

हसीब कहते हैं, “मैंने 24 की उम्र तक 10 टेस्ट खेले थे — वो भी भारत और ऑस्ट्रेलिया जैसी टीमों के खिलाफ, ज्यादातर विदेशी ज़मीन पर। अब जब टीम में बदलाव और दूसरा मौका देने का दौर है, तो मैं भी अपने समय का इंतज़ार कर रहा हूं।”

विराट कोहली की वो एक सलाह, वो एक इंसानी जुड़ाव — आज भी हसीब हमीद को मैदान पर और ज़िंदगी में आगे बढ़ने की ताकत देता है।

FAQs

हसीब हमीद को कोहली ने क्या दिया था?

कोहली ने अपना नंबर दिया और मदद का आश्वासन दिया।

हसीब ने सबसे ज्यादा प्रेरणा किससे ली?

विराट कोहली और हाशिम अमला से।

हसीब हमीद अब किस काउंटी टीम से खेलते हैं?

वे नॉटिंघमशायर से खेलते हैं और कप्तान हैं।

हसीब ने किस भारतीय खिलाड़ी की वापसी को प्रेरणादायक कहा?

करुण नायर की वापसी को।

हसीब हमीद का टेस्ट डेब्यू कब हुआ था?

2016 में भारत दौरे पर, 19 वर्ष की उम्र में।

Ehtesham Arif

I’m Ehtesham Arif, lead cricket analyst at Kricket Wala with over 3 years of experience in cricket journalism. I’m passionate about bringing you reliable match analysis and the latest updates from the world of cricket. My favorite team is India, and in the IPL, I support Delhi Capitals.

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