क्या वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप का फॉर्मेट बदलने का वक्त आ गया है? रोमांचक फाइनल के बाद भी उठे कई सवाल

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Cricket-World Test Championship

लॉर्ड्स में खेला गया वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप (WTC) 2025 का फाइनल टेस्ट क्रिकेट के रोमांच का बेहतरीन उदाहरण था। पहले दो दिन तेज गेंदबाजों ने कहर मचाया, फिर बल्लेबाजों ने हालात संभाले और आखिर में साउथ अफ्रीका ने 27 साल बाद पहली ICC ट्रॉफी जीत ली।

लेकिन इतनी शानदार जीत के बावजूद WTC के फॉर्मेट पर सवाल खड़े हो गए हैं।

क्यों हो रही है फॉर्मेट की आलोचना?

इस बार सबसे ज़्यादा चर्चा इस बात की हुई कि साउथ अफ्रीका ने दो साल के इस चक्र में न ऑस्ट्रेलिया से टेस्ट सीरीज़ खेली और न ही इंग्लैंड से – फिर भी वो सीधे फाइनल में पहुंच गए।

क्रिकेट फैंस और एक्सपर्ट्स का कहना है कि जब सभी टीमें एक-दूसरे से बराबर मैच नहीं खेलतीं, तो फिर फाइनल में पहुंचना कितना सही है?

दिग्गजों की राय

इंग्लैंड के पूर्व कप्तान माइकल वॉन ने कहा कि:

“एक आम फैन के लिए यह समझना बहुत मुश्किल है कि कौन सी टीम वाकई बेस्ट है और कौन कैसे फाइनल में पहुंचती है।”

माइकल एथरटन ने इसे “Flawed System” बताया और कहा:

“हर टीम का शेड्यूल अलग है, कोई 22 टेस्ट खेलता है तो कोई सिर्फ 12। इससे मुकाबला एकसमान नहीं रहता।”

यहां तक कि इंग्लैंड के मौजूदा कप्तान बेन स्टोक्स ने भी स्वीकार किया कि:

“मैंने कभी WTC को लेकर गंभीरता से नहीं सोचा, क्योंकि इसकी प्रक्रिया काफी उलझी हुई लगती है।”

पॉइंट सिस्टम भी बना विवाद की वजह

वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप में टीमों को पॉइंट्स ‘परसेंटेज’ के आधार पर मिलते हैं – यानी जीत के प्रतिशत से। लेकिन जब एक टीम कम टेस्ट खेलती है तो उन्हें टॉप पर आने के लिए उतनी मेहनत भी नहीं करनी पड़ती।

2023-25 के WTC चक्र में:

इंग्लैंड ने खेले – 22 टेस्ट
ऑस्ट्रेलिया – 19 टेस्ट
भारत – 19 टेस्ट
साउथ अफ्रीका – सिर्फ 12 टेस्ट

इतनी कम संख्या में मैच खेलने के बावजूद साउथ अफ्रीका का फाइनल में पहुंच जाना बताता है कि पॉइंट सिस्टम में पारदर्शिता की कमी है।

सभी टीमें बराबर मैच क्यों नहीं खेलतीं?

दरअसल, ICC सिर्फ ढांचा तैयार करता है, लेकिन कौन-कौन सी टीमें कितने टेस्ट खेलेंगी, यह हर देश का क्रिकेट बोर्ड खुद तय करता है। साउथ अफ्रीका जैसे देशों में टेस्ट क्रिकेट कमाई वाला फॉर्मेट नहीं है, इसलिए वो कम सीरीज़ कराते हैं।

आगे क्या?

नए WTC चक्र की शुरुआत बांग्लादेश vs श्रीलंका सीरीज़ से होगी। साउथ अफ्रीका इस बार ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड से 3-3 टेस्ट खेलेगा, लेकिन भारत से सिर्फ 2।

यानी असमानता अब भी बनी हुई है।

क्या हो सकता है समाधान?

अगर वाकई वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप को ग्लोबल और निष्पक्ष बनाना है तो कुछ बदलाव ज़रूरी हैं:

हर टीम को समान संख्या में टेस्ट खेलने चाहिए।
हर बड़ी टीम से होम और अवे सीरीज़ होनी चाहिए।
पॉइंट सिस्टम को और सीधा और पारदर्शी बनाना चाहिए, ताकि फैंस भी आसानी से समझ सकें कि कौन ऊपर क्यों है।

FAQs

WTC फाइनल 2025 किसने जीता?

दक्षिण अफ्रीका ने ऑस्ट्रेलिया को हराकर खिताब जीता।

WTC फॉर्मेट पर क्यों सवाल उठे हैं?

असमान टेस्ट और उलझे पॉइंट सिस्टम की वजह से।

क्या सभी टीमें बराबर टेस्ट खेलती हैं?

नहीं, हर टीम की संख्या अलग होती है।

बेन स्टोक्स ने क्या कहा WTC को लेकर?

उन्होंने कहा कि यह काफी कंफ्यूजिंग है।

अगला WTC चक्र कब शुरू होगा?

बांग्लादेश और श्रीलंका की सीरीज़ से शुरू होगा।

Ehtesham Arif

I’m Ehtesham Arif, lead cricket analyst at Kricket Wala with over 3 years of experience in cricket journalism. I’m passionate about bringing you reliable match analysis and the latest updates from the world of cricket. My favorite team is India, and in the IPL, I support Delhi Capitals.

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