युजवेंद्र चहल और धनश्री वर्मा की शादी 2020 में हुई थी। शुरुआत में सब कुछ अच्छा चल रहा था, लेकिन 2022 के बाद से रिश्ते में खटास आने लगी। चहल ने बताया कि दोनों ने तब तक बात छुपाकर रखी जब तक कोई आखिरी फैसला नहीं हो गया।
सोशल मीडिया पर ‘फेक’ दिखावा
जब उनसे पूछा गया कि क्या वो सब कुछ एक्टिंग कर रहे थे, तो उन्होंने माना कि सोशल मीडिया पर वह एक परफेक्ट कपल की छवि बनाए हुए थे, जबकि अंदर से चीज़ें बहुत उलझी हुई थीं।
समझौते की कोशिश
चहल ने कहा कि रिश्ते में समझौता जरूरी होता है, लेकिन जब दो लोगों की सोच और प्राथमिकताएं अलग हों, तो साथ चलना मुश्किल हो जाता है। वो और धनश्री दोनों अपने-अपने करियर में इतने बिज़ी थे कि आपस में तालमेल नहीं बैठा पा रहे थे।
‘चीटर’ कहे जाने से टूटा मन
तलाक के बाद सोशल मीडिया पर चहल को कई लोगों ने “चीटर” कहा, जिसका असर उनकी मानसिक स्थिति पर पड़ा। उन्होंने कहा कि उन्होंने कभी किसी के साथ गलत नहीं किया, लेकिन लोग बिना सच्चाई जाने उन्हें जज करने लगे।
डिप्रेशन और आत्महत्या के ख्याल
इस मुश्किल वक्त में चहल को 40-45 दिन तक ठीक से नींद नहीं आई। वो हर दिन दो घंटे रोते थे और डिप्रेशन में चले गए थे। उन्होंने बताया कि आत्महत्या के ख्याल भी उन्हें आने लगे थे और उन्होंने ये बात अपने दोस्तों से शेयर की थी।
क्रिकेट से ब्रेक का मन
चहल ने बताया कि उन्होंने क्रिकेट से ब्रेक लेने का भी सोचा था क्योंकि वो मानसिक रूप से बहुत थक चुके थे। उन्हें किसी चीज़ में फोकस करना मुश्किल हो गया था।
फैंस और समाज से अपील
इंटरव्यू के अंत में चहल ने लोगों से गुज़ारिश की कि किसी की ज़िंदगी को बिना जाने जज ना करें। उन्होंने कहा कि सिर्फ व्यूज़ के लिए किसी के नाम पर कुछ भी लिख देना बहुत नुकसानदायक हो सकता है।
युजवेंद्र चहल की ये बाते बताती हैं कि सोशल मीडिया की अफवाहों और पर्सनल लाइफ के दर्द ने उन्हें कितना तोड़ा, लेकिन वो इससे निकलने की कोशिश कर रहे हैं। उनका यह साहस और ईमानदारी तारीफ के काबिल है।
FAQs
युजवेंद्र चहल और धनश्री का तलाक कब हुआ?
मई 2024 में दोनों का तलाक हुआ।
क्या चहल को ‘चीटर’ कहा गया था?
हां, सोशल मीडिया पर उन्हें धोखेबाज़ कहा गया।
चहल को आत्महत्या के ख्याल कब आए?
तलाक के बाद 40-45 दिन तक वे डिप्रेशन में थे।
चहल ने तलाक को पब्लिक से क्यों छुपाया?
वो अंतिम फैसला होने तक कुछ नहीं बताना चाहते थे।
चहल के मुताबिक रिश्ते में क्या जरूरी होता है?
समझौता और एक-दूसरे के लक्ष्यों का सम्मान।











