लॉर्ड्स टेस्ट में शुभमन गिल और ज़ैक क्रॉली के बीच हुआ टकराव भले ही चंद मिनटों का रहा हो, लेकिन चर्चा आज तक जारी है। अब इंग्लैंड के सलामी बल्लेबाज़ ज़ैक क्रॉली ने इस पर अपनी प्रतिक्रिया दी है और बताया कि उन्हें ये टकराव “मज़ेदार और चुनौतीपूर्ण” लगा।
क्या था विवाद?
तीसरे दिन का खेल खत्म होने वाला था और इंग्लैंड के बल्लेबाज़ ज़ैक क्रॉली और बेन डकेट क्रीज़ पर देर से पहुंचे — पूरे 90 सेकंड लेट। गिल ने इसे जानबूझकर की गई टाइम वेस्टिंग बताया और मैदान पर इंग्लिश खिलाड़ियों को घेर लिया। फील्डर्स ने मौखिक दबाव बनाया, और माहौल गरमा गया।
क्रॉली की खुलकर राय
तीसरे टेस्ट के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में क्रॉली ने कहा:
“जब आप बल्लेबाज़ी कर रहे होते हैं और सामने 11 फील्डर आपको आउट करने को तैयार हों, और वो बातें भी बना रहे हों — मुझे वो हिस्सा अच्छा लगता है। कभी-कभी मैं इग्नोर करता हूं, लेकिन कभी-कभी लगता है जवाब देना चाहिए।”
“मुझे वो 8 मिनट मज़ेदार लगे। कोई लाइन क्रॉस नहीं हुई, सब खेल की भावना में था। ये प्रतिस्पर्धात्मक क्रिकेट था।”
देर से आने पर सफाई
क्रॉली ने बताया कि देरी जानबूझकर नहीं थी। उनका कहना है:
“मैं हमेशा वहीं बैठा रहता हूं जब तक अंपायर बाहर नहीं जाते। जैसे ही उन्हें जाते देखा, मैं भी निकल गया। मुझे अंदाज़ा नहीं था कि हम 90 सेकंड लेट हो गए थे। अगर ऐसा हुआ, तो ठीक है।”
क्रिकेट की भावना में सब कुछ?
क्रॉली के इस बयान से ये साफ हो गया कि इंग्लिश कैंप इसे खेल का हिस्सा मानता है — न कोई बहस, न कोई आरोप। वहीं, भारतीय टीम इस देरी को रणनीति मान रही थी। इस क्लैश ने दोनों टीमों के बीच प्रतिस्पर्धा को और ज़्यादा तीखा बना दिया है।
सीरीज़ में अब मनोवैज्ञानिक लड़ाई भी जारी
ये घटना सिर्फ एक टॉस या स्कोर से जुड़ी नहीं, अब यह एक माइंड गेम बन चुकी है — और दोनों टीमें इस खेल में कोई कसर नहीं छोड़ रही हैं।
FAQs
शुभमन गिल और क्रॉली में विवाद कब हुआ?
यह विवाद लॉर्ड्स टेस्ट के तीसरे दिन हुआ था।
क्रॉली ने विवाद पर क्या प्रतिक्रिया दी?
उन्होंने कहा कि उन्हें वो आठ मिनट काफी पसंद आए और यह खेल भावना में था।
क्या इंग्लैंड ने जानबूझकर देर की थी?
क्रॉली ने कहा कि देरी अनजाने में हुई थी, जानबूझकर नहीं।
गिल ने इंग्लैंड पर क्या आरोप लगाए थे?
गिल ने आरोप लगाया था कि इंग्लैंड ने 90 सेकंड की देरी जानबूझकर की।
क्या इस विवाद में कोई लाइन पार हुई?
क्रॉली के अनुसार, किसी ने भी खेल भावना की सीमा नहीं लांघी।











